India Languages, asked by yaashhh9649, 1 year ago

Write an essay on rights and duties of a student in hindi language

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Answered by AnkitSingh638623
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सामान्य रूप में ‘नागरिक’ शब्द का अर्थ है- नगर-निवासी, किंतु अब ‘नागरिक’ शब्द अपना विशिष्ट अर्थ रखता है । नागरिक दोनों ही प्रकार के हो सकते हैं, चाहे वे ग्रामवासी हों या नगरवासी ।

प्राचीनकाल में यूनान तथा रोम में ‘नागरिक’ शब्द का प्रयोग उन्हीं विशिष्ट लोगों के लिए होता था, जिन्हें संपूर्ण अधिकार प्राप्त होते थे । प्राचीन रोम और यूनान की सभ्यता में दासप्रथा के अनेक घृणित उदाहरण पर्याप्त रूप में मिलते हैं ।

दास बनाए हुए इन व्यक्तियों को वे लोग अपने समान अधिकार कदापि नहीं दे सकते थे । हालाँकि ये दास यद्यपि उसी भूभाग में, उसी राज्य की छत्रच्छाया में रहते थे, परंतु उन्हें रोम के स्वतंत्र नागरिकों के ममान कोई अधिकार प्राप्त नहीं थे ।

कालांतर में ‘नागरिक’ शब्द का अर्थ परिवर्तित हो गया, जिसे एक विद्वान् ने इस प्रकार अभिव्यक्त किया है- ”केवल राज्य में रहने भर से मनुष्य नागरिक नहीं बन सकता । नागरिक बनने के लिए यह आवश्यक है कि उसे अधिकार प्राप्त हों तथा उसके कर्तव्य हों ।” जो व्यक्ति राजद्रोही, अपराधी, दंडित, पागल, दिवालिया है उसे नागरिक के अधिकार प्राप्त नहीं होते ।

हमारे संविधान में प्रत्येक नागरिक को अपने व्यक्तित्व के विकास के लिए राज्य की ओर से राजनीतिक, धार्मिक, सामाजिक और आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त है, जो अत्यंत महत्त्वपूर्ण है । यही स्वतंत्रता यदि स्वच्छंदता में परिणत हो जाए तो यह जन- समुदाय के लिए घातक सिद्ध होगी । नागरिकों को अपने कर्तव्यों के प्रति सजग होने की आवश्यकता है ।

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