Write an essay on "देश के विकास में नारी का योगदान"
{Note: Start an essay with a slogan}
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Answer:
देश के विकास में नारी का योगदान।
Explanation:
"देश होगा तुम्हारा गहना।
अगर तुम शिक्षित होगी बहना।।"
आज के युग में स्त्री का विकास में योगदान व उसके शिक्षित होने की आवश्यक्ता छुपी नहीं है।
शिक्षित होना नारी की आवश्यक्ता ही नहीं अपितु अधिकार भी है।
आज की नारी घर में कुशल गृहिणी, कार्यालय में कुशल कार्यकर्ता, विद्यालय में कुशल शिक्षिका या कुशल छात्रा या ना जाने कितने ही रूपों में अपनी उप्लब्ध्ता, आवश्यक्ता व जज्बा दिखा रही हैं।
हमारे देश की नारियाँ भी आज सशक्त व साक्षर हैं।
परन्तु इस पुरुष प्रधान देश ने सदा नारी सशक्तिकरण व शिक्षा का विरोध किया है। परन्तु इतने रूढ़िवादी समाज व इतनी रूढ़िवादी सोच से ऊपर इनके हौसले हैं , ये इन्होने अलग अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाकर सिद्ध कर दिया है।
हमारे देश को आजाद हुए 70 साल हो गये हैं परन्तु आज भी महिला साक्षरता रेट 65•46% ही है।
इतने कुशल प्रदर्शन के बाद भी नारी आज भी उपेक्षित हैं। कन्या-भ्रूण हत्या आज भी सामान्य है। कन्याओं व नारी को उपेक्षित कर के हो सकता है हम अपने देश के लिए प्रतिभा की धनी इंजीनियर, डॉक्टर, अध्यपिका, कलाकार को खो दें। इसलिये आवश्यक है हम कन्याओं व नारियों को भी पुरुष के समान अधिकार दें।
अत: आवश्यक्ता है की नारी को घर व रसोई तक ही सीमित करके उसकी प्रतिभा को कुण्ठित न किया जाये।
"देश के विकास में नारी का योगदान"
यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवता:।
यत्रैतास्तु न पूज्यन्ते सर्वास्तत्राफला: क्रिया:।
हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहां नारी को देवी माना जाता है जहां देश के विकास में नारी का बहुत बड़ा योगदान है। चाहे वह नारी सीता, द्रौपदी, झांसी की रानी या फिर इंदिरा गांधी क्यों ना हो।
आज के समय में नारी, अपना नाम रोशन कर रही है। चाहे वह शिक्षा हो, खेल हो या फिर राजनीति हो। नारियों ने देश का नाम सिर्फ कडे संघर्षों से ही नहीं बल्कि नारियों ने अपने देश का लग्न एवं आत्मविश्वास किस्सा रोशन किया है।
नारी के योगदान से देश में बालिका शिक्षा को भी बढ़ावा मिला है। इससे कहीं बालिकाएं शिक्षित हुई है तथा नारियों के शिक्षित होने से नारियों को उनका हक एवं सम्मान भी मिला है।
आज के समय में नारी, पुरुषों के समान कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है। जो कामों में नारियों को पुरुषों पर निर्भर होना पड़ता था वह नारियां अपना काम स्वयं करने लगी है जिससे उन्होंने देश में अपना बहुत बड़ा योगदान दिया है।
हमारा भारत देश एक ऐसा देश है जहां नारी को देवी माना जाता है परंतु आज के समय में समाज को नारी की ही खुशी खलती है परंतु आज की नारी सब पर भारी वह चाहे तो कुछ भी कर सकती है हर क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर सकती है चाहे वह मीडिया हो, या फिर सेना हो, खेल हो, शिक्षा हो या फिर क्यों ना राजनीति हो।
जब भी कोई महिलाओं को अपना नाम रोशन करने का मौका मिल रहा हो उसे हर कठिनाई को पार कर कर निकल जाना चाहिए।
देश को आगे बढ़ाना है तो नारी का पढना लिखना है जरूरी।