Hindi, asked by gopikarohini88, 4 months ago

write an essay on the topic humanity in hindi
please help me .........​

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Answered by pmanjuli1985
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मनुष्य का कर्तव्य बनता है कि वह मानवता का सम्मान करें और समय समय पर मानवता दिखाए। किसी भूखे व्यक्ति को खाना खिलाना या प्यासे को पानी पिलाना मानवता है। सर्दी की कपकपाती ठंड में गरीबो और बेघरों को कंबल देना भी मानवता की श्रेस्ठ कसौटी है। किसी भी प्रकार की दुर्घटना में घायल व्यक्ति की मदद करना भी मनावता की निशानी है।

गर्मियों में पशु पक्षियों के लिए पानी की व्यवस्था करना भी मानवता है। एक इंसान जब बिना लालच के किसी दूसरे इंसान की मदद करता है, तो यह मानवता है। भूकंप और अकाल जैसी विकट परिस्थितियों में कई सामाजिक संगठन निस्वार्थ भाव से कार्य करते है जो मानवता ही है।

क्षमा वीरों को शोभा देती है। कोई आपके साथ बुरा करता है और अगर उसे इस बात का पछतावा है तो मानवता दिखाकर उसे क्षमा करना श्रेस्ठ है। किसी भी गरीब की आर्थिक रूप से मदद करना भी मानवता है। अगर ईश्वर ने आपको धन दिया है तो उसे मानवता की भलाई में खर्च करना चाहिए। दान पुण्य करना मानवता ही है। मानवता इंसान का धर्म है जो ईश्वर का आदेश है।

प्रत्येक वर्ष 19 अगस्त को विश्व मानवता दिवस मनाया जाता है। अगर आप मनुष्य है तो मानवता आपको दिखानी होगी। मनुष्य का धर्म जीव मात्र पर दया करना है। अगर आप किसी को दुख में देखकर दुखी होते है, तो यह भाव ही मानवता है।

Answered by Anonymous
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Answer:

मानवता उस भाव का नाम है जब कोई व्यक्ति दुसरे को दर्द में देखकर दुखी हो जाता है और दुसरों को सुखी देखकर खुश हो जाता है। मानवता ही एक ऐसा भाव है जिसके कारण मनुष्य दुसरे के हित में कार्य करता है। प्राचीन काल से ही यह कहा जाता है कि मनुष्य को परोपकार करना चाहिए और दुसरों की मदद करनी चाहिए। मानवता और परोपकार ही ऐसे भाव है जिनकी वजह से पृथ्वी पर जीवन संभव है लेकिन यह हर व्यक्ति में नहीं पाया जाता है। मानवता का भाव रखने वाला व्यक्ति निस्वार्थ होकर दुसरों की मदद करता है और दुसरे के हित के लिए कार्य करता है।

मानवता ही है जिससे प्रभावित होकर मनुष्य विपदा में दुसरों की मदद करता है और पशुओं पर दया करता है। मानवता प्रेम और भाईचारे का संदेश देती है। मानवता ही है जिसे हर व्यकति मिल जुलकर विकास की राह पर चल सकता है।

लेकिन आज के समय में कुछ लोग मानवता को शर्मसार कर देते हैं। वह केवल अपना स्वार्थ देखते हैं और लोगों से अत्याचार करते हैं और क्रूरतापूर्ण व्यवहार करते हैं। वह किसी की मदद करना पसंद नहीं करते हैं। आज के इस मतलब की दुनिया में जहाँ केवल स्वार्थ के लिए लोग एक दुसरे से जुड़े हुए है वहीं आज भी बहुत से लोग मानवता को जीवित रखे हुए है। वह हर विपदा में देश की मदद करते हैं और आपसी भाईचारे और प्रेम का संदेश देते है।

जिस व्यक्ति में मानवता नहीं है उस व्यक्ति को मानव कहलाने का हक नहीं है। इसलिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने अंदर मानवता का भाव रखना चाहिए। अपने इस जीवन को मानव हित के लिए कार्य करना चाहिए। सबका हित सोचना, विपदा में मदद करना, सबके साथ मिल जुलकर रहना, प्रेम और भाईचारे की भावना रखना ही असली मानवता है।

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