Hindi, asked by anmolchandra18, 10 months ago

Write an essay on 'women education' in Hindi with appropriate headings

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Answered by vishugg7
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प्रस्तावना:- हमारे विद्वान ने नारी की कई तरह से गलत ठहराया है और कहा है नारियो में सदैव ही कुछ अवगुण हमेशा ही विद्धमान रहते है। उनमें से गोस्वामी तुलसीदास ने साफ- साफ कहा था कि नारी में आठ अवगुण सदैव रहते हैं। उसमें साहस, चपलता, झूठापन, माया, भय, अविवेक, अपवित्रता और कठोरता खूब भरी होती है। चाहे कोई भी नारी क्यों न हो, पर उन्ही विद्वानों ने उनकी बहुत पर क्यों नारी को हमेशा ही कमजोर और दयनीय ही समजा जाता रहा है। जबकि नारी ने अपने आप को सभी जगह साबित करके दिखाया है। क्यों नारी को एक अबला का नाम दिया जाता रहा है और उसके बारे में कहा जाता रहा है

“अबला जीवन हाय तुम्हारी यही कहानी।

आँचल में है दूध और आँखों में पानी”

और ये सब नारी के बारे में क्यों कहा जाता है। क्योंकि आज लोगों ने हमारे शास्त्रों और ज्ञान को भुला दिया है पर अब वो समय बीत गया जब नारी को अबला कहा जाता था। आज नारी की स्थिति काफी बदल चुकी है और उसने अपने आप को हर जगह अपना स्थान बना कर दिखाया।

शिक्षा का प्रचार:- आज हमारे भारत देश मे शिक्षा का काफी प्रचार हो गया है। नवीनतम आंकड़ो के अनुसार भारत की सम्पूर्ण जनसंख्या का करीब 73 प्रतिशत भाग शिक्षित है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 45 में ये प्रावधान है, कि 14 वर्ष तक कि आयु के बच्चो को मुफ्त शिक्षा देना राज्य का कर्तव्य है। भारत मे महिलाओ का 64.6 प्रतिशत भाग शिक्षित है। इस प्रतिशत में शहरी महिलाओं की संख्या अधिक है। स्वतंत्रता के उपरांत हमारे देश मे शिक्षा का व्यापक प्रचार हुआ है। केरल, मिजोरम, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, पंजाब, आदि राज्यो में शिक्षा का प्रतिशत बढ़ा है। केरल देश का ऐसा पहला राज्य है, जहां के कोट्टायम-एनारकुलम जैसे जिलों में शत-प्रतिशत शिक्षित रहते है।

नारियो में शिक्षा की कमी के अनेक कारण रहे है। सबसे बड़ा कारण तो हमारी सदियों की गुलामी थी, जिसकी वजह से लड़कियों को अंग्रेजों के भय के कारण घर से बाहर नही निकलने दिया जाता था और उनके जिम्मे चूल्हा, चौका, घर का इंतजाम ओर बच्चों को जन्म देना तथा उनका लालन-पालन था। समय बदला और आज महिलाएं हर दिशा में आगे आ रही है।

प्राचीन भारत मे महिलाओं का स्थान:- प्राचीन भारत मे महिलाएं का स्थान समाज मे काफी महत्वपूर्ण था। महिलाएं भी पुरुषों के साथ यज्ञों में भाग लेती थी, युधो में जाति थी, शाश्त्रार्थ करती थी। धीरे धीरे महिलाओं का स्थान पुरुषों के बाद निर्धारित किया गया तथा पुरुषों ने महिलाओं के लिए मनमाने नियम बनाये ओर उनको अपना जीवन बिताने के लिए पिता, पति तथा पुत्र का सहारा लेने की प्रेरणा फैल गई। आज से शताब्दियों पूर्व स्त्रियों को अपना पति चुनने की स्वतंत्रता थी। पिता स्वयम्वर सभाओं का आयोजन करते थे, जिसमे लड़की अपनी इच्छा से अपने पति का वर्ण करती थी। इस प्रकार की सुविधाएं इसलिए दी गई थी, कि वे शिक्षित थी और अपना अच्छा तथा बुरा वे सही ढंग से सोचने में सक्षम थी। मुगलो के शासनकाल में शिक्षा, कला, साहित्य तथा अन्य विविध गुणों को प्राप्त करने की परिस्थितिया मिट सी गई थी।

Answered by deepalidp552
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Answer:

काल की आवश्यकता

नारी शिक्षा को लेकर आजकल कई योजनाएं आई है और नारी को हर क्षेत्र में आगे बढ़ने का मौका दिया जा रहा है।आज के समय में नारी शिक्षित को बहुत ही आवश्यक हो गया है नारी अगर पढ़ी लिखी होगी तो आने वाली पीढ़ी भी पढ़ीगी।

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