write an essay on ''yadi mein per hota "
AbhishekChaurasiya:
yr pahle isko right to kro then
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पेड़ पौधे हमें जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं पेड़ पौधे हमारे लिए अति आवश्यक है क्योंकि ऑक्सीजन बगैर हम जीवन नहीं जी सकते.पेड़-पौधे स्वयं अपने अंदर कार्बन डाइऑक्साइड ग्रहण करते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं देखा जाए तो पेड़ पौधे सिर्फ मनुष्य ही नहीं हर एक जीव जंतु के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण होते हैं गर्मियों के मौसम में जब चारों ओर पृथ्वी ताप से तप रही होती है तभी राहगीरों को कोई भी जगह नहीं मिलती तव वहां पर कुछ पल शांति से बैठने के लिए उन्हें केवल पेड़ पौधे ही दिखाई देते हैं वह पेड़ पौधों के नीचे कुछ पल बैठ के शांति से रहते हैं.कहते हैं पेड़ पौधे वर्षा को पृथ्वी पर बुलाने में भी सहायक होते हैं वास्तव में पेड़-पौधे जीव जंतु और मनुष्य के लिए अति आवश्यक हैं इनके बगैर जीवन संभव नहीं है.
यदि मैं पेड़ होता तो अपने आप को बड़ा ही खुशनसीब समझता क्योंकि मैं भी समस्त जीव जंतुओं और मनुष्य को प्राणदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करता. मैं भी चलते हुए राहगीरों को छाया प्रदान करता हूं जिससे उन्हें कुछ पल का सुकून मिल पाता यह सब करते हुए मैं अपने आप में बड़ी ही खुशी का अनुभव करता.मैं भी वर्षा को धरती पर बुलाने में सहायक होता यदि मैं पेड़ होता तो मैं अपने आप पर गर्व महसूस करता और यह सोचकर खुश रहता कि मैं दूसरों के काम आता.मैं दूसरों की मदद करता हूं मैरी लकडियो से ही लोग अपने घर का फर्नीचर बनाते हैं खाना बनाने में जलाई जाने वाली आग में भी मेरा ही उपयोग किया जाता है मैं बड़ा ही खुशी महसूस करता हु यह देखकर कि मैं कितना उपयोगी हूं.पक्षी जिनकी चह चाहतों से सारा वातावरण खुशी में झूम उठता है.
अगर मैं पेड़ होता तो मैं यह देखकर काफी खुश होता कि पक्षी मेरे ऊपर घोंसले बनाए हुए हैं वह इधर उधर से घास फूस लाकर घर बनाकर बड़े ही आराम से रहते हैं पक्षियों के छोटे बच्चे मुझ पेड़ पर ही बैठकर तरह-तरह के कृत्य करते है यह सब देखकर मुझे बेहद खुशी का अनुभव होता.आज हम देखें तो हमारे देश में पेड़ पौधों की कटाई की जाती है लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़ पौधे काटने से नहीं चूकते साथ में शहरीकरण के कारण भी पेड़-पौधे बहुत ही कम बचे है यदि मैं पेड़ होता तो कोई ऐसा जतन करता जिससे लोग हमारी कटाई ना करें क्योंकि इससे उनका ही सबसे ज्यादा फायदा है यदि मैं पेड़ होता तो अपने में लगने वाले फलों का स्वाद यात्री गणों को चखाता. बहुत से लोग दूर गांव से आते हैं कुछ पल वह मेरी छाये में बैठकर सुकून से जीते हैं और साथ में फल खा कर अपनी जीविका चलाते हैं यदि मैं पेड़ होता तो कितना अच्छा होता मैं पशु पक्षी के लिए भोजन का एक साधन होता जिससे पशु पक्षी,मनुष्य सभी अपनी भूख को मिटा पाते.
जैसे की हम सभी जानते हैं की पेड़-पौधे बिना कुछ बोले हमें सब कुछ देते हैं हम उन्हें कुछ भी हानि पहुंचाते है लेकिन वह कुछ नहीं बोलते वह हमसे किसी भी तरह की शिकायत नहीं करते यदि मैं पेड़ होता तो मैं भी ऐसा ही होता लोग मुझे कितना भी सताते,कितना भी मुझे हानि पहुंचाते, मेरे फल फूल, पत्ती यूं ही तोड़ कर फेंक देते तो भी मैं अपने आपमे मग्न रहता और कभी भी किसी से शिकायत नहीं करता.
यदि मैं पेड़ होता तो मैं अपने वातावरण कि वायु को स्वच्छ रखने में सहायता करता आज हमारा वातावरण प्रदूषित हो गया है प्रदूषण के कारण मनुष्य को बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है यदि मैं वास्तव में पेड़ होता तो पूरी कोशिश करता कि मैं अपने वातावरण को स्वच्छ कर सकु.मैं जंगल में एक जगह बैठा रहता और तरह-तरह के जीवों को देखता रहता.पशु पक्षी ही मेरा परिवार होते मैं हमेशा यह सोचकर खुश रहता कि मैं हर एक जीव जंतु,मनुष्य के लिए बड़ा ही लाभदायक हूं.आज के जमाने में हर कोई जानता है कि पेड़ पौधे मानव जाति और समस्त जीव जंतुओं के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण और लाभदायक होते हैं लेकिन ज्यादातर लोग पेड़-पौधों के बारे में कोई विशेष ध्यान नहीं देते. हम सभी को पेड़ पौधों के बारे में सोचना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए क्योंकि पेड़ पौधे बड़े ही लाभदायक और महत्वपूर्ण होते हैं.
यदि मैं पेड़ होता तो मेरी लकड़ी का उपयोग घर में उपयोग किए जाने वाले फर्नीचर में भी होता.फर्नीचर जो की लकड़ी का बना होता है जो कि आजकल के घरों की शोभा है फर्नीचर में मेरा उपयोग करके लोग बड़े ही खुश होते.घर में बहुत सारा सामान लकड़ी का बना होता है और जो लकड़ी प्राप्त होती है तो मुझे अच्छा लगता एक तरह से मैं अगर पेड़ होता तो पेड़-पौधे,जीव-जंतुओ का अच्छा करता, उन्हें लाभ पहुंचाता कोई मुझे किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाते तो उनसे कुछ ना कहता.
यदि मैं पेड़ होता तो अपने आप को बड़ा ही खुशनसीब समझता क्योंकि मैं भी समस्त जीव जंतुओं और मनुष्य को प्राणदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करता. मैं भी चलते हुए राहगीरों को छाया प्रदान करता हूं जिससे उन्हें कुछ पल का सुकून मिल पाता यह सब करते हुए मैं अपने आप में बड़ी ही खुशी का अनुभव करता.मैं भी वर्षा को धरती पर बुलाने में सहायक होता यदि मैं पेड़ होता तो मैं अपने आप पर गर्व महसूस करता और यह सोचकर खुश रहता कि मैं दूसरों के काम आता.मैं दूसरों की मदद करता हूं मैरी लकडियो से ही लोग अपने घर का फर्नीचर बनाते हैं खाना बनाने में जलाई जाने वाली आग में भी मेरा ही उपयोग किया जाता है मैं बड़ा ही खुशी महसूस करता हु यह देखकर कि मैं कितना उपयोगी हूं.पक्षी जिनकी चह चाहतों से सारा वातावरण खुशी में झूम उठता है.
अगर मैं पेड़ होता तो मैं यह देखकर काफी खुश होता कि पक्षी मेरे ऊपर घोंसले बनाए हुए हैं वह इधर उधर से घास फूस लाकर घर बनाकर बड़े ही आराम से रहते हैं पक्षियों के छोटे बच्चे मुझ पेड़ पर ही बैठकर तरह-तरह के कृत्य करते है यह सब देखकर मुझे बेहद खुशी का अनुभव होता.आज हम देखें तो हमारे देश में पेड़ पौधों की कटाई की जाती है लोग अपने स्वार्थ के लिए पेड़ पौधे काटने से नहीं चूकते साथ में शहरीकरण के कारण भी पेड़-पौधे बहुत ही कम बचे है यदि मैं पेड़ होता तो कोई ऐसा जतन करता जिससे लोग हमारी कटाई ना करें क्योंकि इससे उनका ही सबसे ज्यादा फायदा है यदि मैं पेड़ होता तो अपने में लगने वाले फलों का स्वाद यात्री गणों को चखाता. बहुत से लोग दूर गांव से आते हैं कुछ पल वह मेरी छाये में बैठकर सुकून से जीते हैं और साथ में फल खा कर अपनी जीविका चलाते हैं यदि मैं पेड़ होता तो कितना अच्छा होता मैं पशु पक्षी के लिए भोजन का एक साधन होता जिससे पशु पक्षी,मनुष्य सभी अपनी भूख को मिटा पाते.
जैसे की हम सभी जानते हैं की पेड़-पौधे बिना कुछ बोले हमें सब कुछ देते हैं हम उन्हें कुछ भी हानि पहुंचाते है लेकिन वह कुछ नहीं बोलते वह हमसे किसी भी तरह की शिकायत नहीं करते यदि मैं पेड़ होता तो मैं भी ऐसा ही होता लोग मुझे कितना भी सताते,कितना भी मुझे हानि पहुंचाते, मेरे फल फूल, पत्ती यूं ही तोड़ कर फेंक देते तो भी मैं अपने आपमे मग्न रहता और कभी भी किसी से शिकायत नहीं करता.
यदि मैं पेड़ होता तो मैं अपने वातावरण कि वायु को स्वच्छ रखने में सहायता करता आज हमारा वातावरण प्रदूषित हो गया है प्रदूषण के कारण मनुष्य को बहुत सारी बीमारियों का सामना करना पड़ता है यदि मैं वास्तव में पेड़ होता तो पूरी कोशिश करता कि मैं अपने वातावरण को स्वच्छ कर सकु.मैं जंगल में एक जगह बैठा रहता और तरह-तरह के जीवों को देखता रहता.पशु पक्षी ही मेरा परिवार होते मैं हमेशा यह सोचकर खुश रहता कि मैं हर एक जीव जंतु,मनुष्य के लिए बड़ा ही लाभदायक हूं.आज के जमाने में हर कोई जानता है कि पेड़ पौधे मानव जाति और समस्त जीव जंतुओं के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण और लाभदायक होते हैं लेकिन ज्यादातर लोग पेड़-पौधों के बारे में कोई विशेष ध्यान नहीं देते. हम सभी को पेड़ पौधों के बारे में सोचना चाहिए और ज्यादा से ज्यादा वृक्षारोपण करना चाहिए क्योंकि पेड़ पौधे बड़े ही लाभदायक और महत्वपूर्ण होते हैं.
यदि मैं पेड़ होता तो मेरी लकड़ी का उपयोग घर में उपयोग किए जाने वाले फर्नीचर में भी होता.फर्नीचर जो की लकड़ी का बना होता है जो कि आजकल के घरों की शोभा है फर्नीचर में मेरा उपयोग करके लोग बड़े ही खुश होते.घर में बहुत सारा सामान लकड़ी का बना होता है और जो लकड़ी प्राप्त होती है तो मुझे अच्छा लगता एक तरह से मैं अगर पेड़ होता तो पेड़-पौधे,जीव-जंतुओ का अच्छा करता, उन्हें लाभ पहुंचाता कोई मुझे किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाते तो उनसे कुछ ना कहता.
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वृक्ष प्रकृति की सबसे अनमोल कृति है। पृथ्वी पर जीवन संभव हो पाया है क्योंकि यहाँ वन मौजूद है। पृथ्वी की अनोखी एवं मनमोहक छटा का कारण पृथ्वी पर पाए जाने वाले वृक्षों एवं पौधों की सैकड़ों प्रजातियां हैं। यह एक महत्वपूर्ण कारण है कि मैं भी वृक्ष के रूप में प्रकृति का हिस्सा बनना चाहता हूँ ।
यदि मैं वृक्ष होता तो अन्य वृक्षों की तरह प्रकृति के सौन्दर्य एवं ऐश्वर्य का साक्षी होता। जैसा कि हम जानते हैं कि वृक्षों का असंख्य समूह वन का निर्माण करता है। वनों का हमारे पारिस्थितिक तंत्र को नियंत्रित करने में अहम योगदान है। वनों से जहां भोजन हेतु फल-फूल प्राप्त होते हैं वहीं जलावन तथा फर्नीचर के लिए लकड़ियाँ प्राप्त होती हैं। वन से हमें जड़ी बूटियाँ तथा सबसे अहम शुद्ध हवा मिलती है। इसके अतिरिक्त समस्य वन्य जीवों की आश्रम स्थली वन ही तो है। अतः यदि मैं भी वृक्ष होता तो समस्त जीवों के हितार्थ उपयोग में आता। मुझे मेरे नामों से तो कोई नहीं जानता लेकिन जिसके भी आँगन व बगीचे में होता उसके दिलों में राज करता। कभी मेरे फल तो कभी मेरे फूलों की मदहोश खुशबू लोगों को मेरी ओर खींच लाते।
वन बनकर मैं प्रकृति के सौन्दर्य को पुनः वापस लाने में सहयोग करता। आज हमारी पृथ्वी वैश्विक खतरे को भाँप चुकी है। वैज्ञानिको सहित लोगों में भी पर्यावरण के प्रति जागरूकता आयी है। अतः मैं पर्यावरण को उसी रूप में लाने के प्रयासों का भागी बनता।
अतः मेरी यह दिली कामना है कि मेरा जन्म कभी-न-कभी वृक्ष के रूप में हो ताकि मैं प्रकृति के नैसर्गिक सौन्दर्य का हिस्सा बन कर इतरा सकूॅं।
उमीद करता हु यह आपकी मदत जरूर करेगा।
धन्यवाद।
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