Write any 3 facilities available at ISRO in hindi
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आज अंतरिक्ष विभाग (इसरो) ने (29 नवंबर, 2002) अंतरिक्ष भवन, बैंगलोर में हिंदी में "सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका" विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के उद्घाटन के दौरान इसरो उपग्रह केंद्र के उप निदेशक डॉ सुरेंद्र पाल, ने कई क्षेत्रों में अंतरिक्ष के उपयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से जोर दिया कि कैसे सामान्य व्यक्ति के दरवाजे तक दूरचिकित्सा के माध्यम से शिक्षा, मनोरंजन, ई-कॉमर्स और यहां तक कि चिकित्सकीय विशेषज्ञता लाने में अंतरिक्ष ने मदद की है। उन्होंने स्पिन-ऑफ स्पेस उत्पाद जैसे एलसीडी, वेल्क्रो टेप, पेस मेकर आदि के उदाहरण भी दिए।
बैंगलोर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. सरगु कृष्णमूर्ति ने इस समारोह की अध्यक्षता की, इतिहास में टिपू सुल्तान के रॉकेट की खोज, भारतीय पौराणिक कथाओं में अंतरिक्ष और उपग्रहों के संदर्भों का उल्लेख किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई, प्रोफेसर सतीश धवन और वर्तमान अध्यक्ष डॉ. के कस्तुरीरंगन के योगदान से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में वर्तमान में परिपक्वता लाने के बारे में बताया। वीएससीसी के उप निदेशक, श्री एम सी उत्तम, ने मुख्य अभिभाषण में, प्रमोचन वाहन कार्यक्रम में इसरो द्वारा की गई प्रगति की जानकारी दी। इन्सैट कार्यक्रम कार्यालय के उप निदेशक डॉ एस वी किबे ने सभा का स्वागत किया।
सत्रों में, बेंगलूरु और हासन के इसरो केंद्रों के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष संचार, उपग्रह मिशन नियंत्रण, भौगोलिक स्थिति प्रणाली, अंतरिक्ष आधारित सुदूर संवेदन, आदि को कवर करने वाले विभिन्न विषयों पर हिंदी में पत्र प्रस्तुत किए थे।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. के कस्तुरीरंगन ने दोपहर में समापन भाषण दिया। उन्होंने आधिकारिक भाषा, हिंदी के कार्यान्वयन के लिए इसरो या अंतरिक्ष विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज आयोजित तकनीकी संगोष्ठी राष्ट्रभाषा में तकनीकी जानकारी के संचार के लिए लंबा रास्ता तय करेगी। बैंगलोर यूनिवर्सिटी के हिंदी की प्रोफेसर डॉ. मिताली भट्टाचार्यजी, जो निर्णायक थी, ने तकनीकी सेमिनार में सर्वश्रेष्ठ व्याख्यान देने के लिए पुरस्कार की घोषणा की।
हिंदी में इसरो की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली पुस्तक प्रदर्शनी और अंतरिक्ष प्रदर्शनी, आज आयोजित संगोष्ठी का हिस्सा थी।
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अंतरिक्ष विभाग (इसरो) ने (29 नवंबर, 2002) अंतरिक्ष भवन, बैंगलोर में हिंदी में "सूचना, शिक्षा और मनोरंजन के क्षेत्रों में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी की भूमिका" विषय पर तकनीकी संगोष्ठी का आयोजन किया। संगोष्ठी के उद्घाटन के दौरान इसरो उपग्रह केंद्र के उप निदेशक डॉ सुरेंद्र पाल, ने कई क्षेत्रों में अंतरिक्ष के उपयोगों पर प्रकाश डाला। उन्होंने विशेष रूप से जोर दिया कि कैसे सामान्य व्यक्ति के दरवाजे तक दूरचिकित्सा के माध्यम से शिक्षा, मनोरंजन, ई-कॉमर्स और यहां तक कि चिकित्सकीय विशेषज्ञता लाने में अंतरिक्ष ने मदद की है। उन्होंने स्पिन-ऑफ स्पेस उत्पाद जैसे एलसीडी, वेल्क्रो टेप, पेस मेकर आदि के उदाहरण भी दिए।
बैंगलोर विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ. सरगु कृष्णमूर्ति ने इस समारोह की अध्यक्षता की, इतिहास में टिपू सुल्तान के रॉकेट की खोज, भारतीय पौराणिक कथाओं में अंतरिक्ष और उपग्रहों के संदर्भों का उल्लेख किया। उन्होंने डॉ. विक्रम साराभाई, प्रोफेसर सतीश धवन और वर्तमान अध्यक्ष डॉ. के कस्तुरीरंगन के योगदान से भारतीय अंतरिक्ष कार्यक्रम में वर्तमान में परिपक्वता लाने के बारे में बताया। वीएससीसी के उप निदेशक, श्री एम सी उत्तम, ने मुख्य अभिभाषण में, प्रमोचन वाहन कार्यक्रम में इसरो द्वारा की गई प्रगति की जानकारी दी। इन्सैट कार्यक्रम कार्यालय के उप निदेशक डॉ एस वी किबे ने सभा का स्वागत किया।
सत्रों में, बेंगलूरु और हासन के इसरो केंद्रों के वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष संचार, उपग्रह मिशन नियंत्रण, भौगोलिक स्थिति प्रणाली, अंतरिक्ष आधारित सुदूर संवेदन, आदि को कवर करने वाले विभिन्न विषयों पर हिंदी में पत्र प्रस्तुत किए थे।
इसरो के अध्यक्ष डॉ. के कस्तुरीरंगन ने दोपहर में समापन भाषण दिया। उन्होंने आधिकारिक भाषा, हिंदी के कार्यान्वयन के लिए इसरो या अंतरिक्ष विभाग द्वारा किए गए प्रयासों पर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि आज आयोजित तकनीकी संगोष्ठी राष्ट्रभाषा में तकनीकी जानकारी के संचार के लिए लंबा रास्ता तय करेगी। बैंगलोर यूनिवर्सिटी के हिंदी की प्रोफेसर डॉ. मिताली भट्टाचार्यजी, जो निर्णायक थी, ने तकनीकी सेमिनार में सर्वश्रेष्ठ व्याख्यान देने के लिए पुरस्कार की घोषणा की।
हिंदी में इसरो की उपलब्धियों को प्रदर्शित करने वाली पुस्तक प्रदर्शनी और अंतरिक्ष प्रदर्शनी, आज आयोजित संगोष्ठी का हिस्सा थी।
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