write esaay on grisma ritu????
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प्रकृति की सुन्दरता का शिल्पकार ईश्वर है । जिसकी सुन्दरता अवर्णनीय है । यही प्रकृति पग-पग पर अपना सौन्दर्य रूपी कोश लुटाती चलती है । भारत में प्रकृति की लीला दर्शनीय है ।
यहाँ पर छ: ऋतुएँ बारी-बारी से आकर पृथ्वी को अपने ढंग से सजाकर और मनुष्य को आमूल्य उपहार देकर चली जाती हैं । इसलिए प्रकृति और मनुष्य अन्योन्याश्रित है । एक-दूसरे के अभाव में दोनों ही सौन्दर्य-हीन हैं । प्रचण्ड ताप देने वाली ग्रीष्म ऋतु वैशाख, ज्येष्ठ मास में आती है ।
इस ऋतु में सूर्य की गति उत्तरायण की ओर होती है, जो गरम लू देता है जिससे असहनीय गर्मी पड़ती हैं । ग्रीष्म ऋतु में दिन लम्बे और रातें छोटी हो जाती हैं । सूर्य अपनी किरणों से जगत के द्रवांश पदार्थ को खींच लेता है । चारों दिशाओं में कष्टदायी पवनें चलती हैं, पृथ्वी गर्मी से तपी रहती है, नदियाँ कम जल-स्तर वाली हो जाती हैं ।
चारों दिशाएँ प्रज्वलित सी प्रतीत होती हैं, चकवा-चकवी पक्षियों का जोड़ा पानी की खोज में घूमता है । छोटे वृक्ष, पौधे और लताएं नष्ट हो जाते हैं । पेड़ों से पत्ते गिर जाते हैं । इस ऋतु में सूर्य तिक्षण किरणों वाला हो जाता है । ग्रीष्म ऋतु में धरती के तपने से सड़क का तारकोल पिघलने लगता है, जिससे यात्रियों को चलना कठिन हो जाता है ।
मनुष्य की तरह जानवर भी गर्मी महसूस करते हैं । वह पेड़ की छाया में बैठकर जुगाली करना और पानी में तैरना पसन्द करते हैं । पक्षी अपने घोंसलों में छिपकर बैठते हैं । कुत्तों की जीभ बाहर निकल आती है । जिससे ज्ञात होता है कि गर्मी असहनीय है ।
ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को देखकर ऐसा लगता है, मानो छाया भी छाया ढूंढ रही हो और प्यास-प्यासी रह गई हो । यह ऋतु हमें संदेश देती है कि जैसे प्रचण्ड गर्मी के बाद वर्षा आती है उसी प्रकार दु:ख के बाद सुख भी आता है । हमें कष्टों से नहीं घबराना चाहिए, अपितु कर्म करते हुए तेजस्वी बनकर सूर्य की तरह चमकते रहना चाहिए ।_______________________,_,,___
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यहाँ पर छ: ऋतुएँ बारी-बारी से आकर पृथ्वी को अपने ढंग से सजाकर और मनुष्य को आमूल्य उपहार देकर चली जाती हैं । इसलिए प्रकृति और मनुष्य अन्योन्याश्रित है । एक-दूसरे के अभाव में दोनों ही सौन्दर्य-हीन हैं । प्रचण्ड ताप देने वाली ग्रीष्म ऋतु वैशाख, ज्येष्ठ मास में आती है ।
इस ऋतु में सूर्य की गति उत्तरायण की ओर होती है, जो गरम लू देता है जिससे असहनीय गर्मी पड़ती हैं । ग्रीष्म ऋतु में दिन लम्बे और रातें छोटी हो जाती हैं । सूर्य अपनी किरणों से जगत के द्रवांश पदार्थ को खींच लेता है । चारों दिशाओं में कष्टदायी पवनें चलती हैं, पृथ्वी गर्मी से तपी रहती है, नदियाँ कम जल-स्तर वाली हो जाती हैं ।
चारों दिशाएँ प्रज्वलित सी प्रतीत होती हैं, चकवा-चकवी पक्षियों का जोड़ा पानी की खोज में घूमता है । छोटे वृक्ष, पौधे और लताएं नष्ट हो जाते हैं । पेड़ों से पत्ते गिर जाते हैं । इस ऋतु में सूर्य तिक्षण किरणों वाला हो जाता है । ग्रीष्म ऋतु में धरती के तपने से सड़क का तारकोल पिघलने लगता है, जिससे यात्रियों को चलना कठिन हो जाता है ।
मनुष्य की तरह जानवर भी गर्मी महसूस करते हैं । वह पेड़ की छाया में बैठकर जुगाली करना और पानी में तैरना पसन्द करते हैं । पक्षी अपने घोंसलों में छिपकर बैठते हैं । कुत्तों की जीभ बाहर निकल आती है । जिससे ज्ञात होता है कि गर्मी असहनीय है ।
ग्रीष्म ऋतु की असहनीय गर्मी को देखकर ऐसा लगता है, मानो छाया भी छाया ढूंढ रही हो और प्यास-प्यासी रह गई हो । यह ऋतु हमें संदेश देती है कि जैसे प्रचण्ड गर्मी के बाद वर्षा आती है उसी प्रकार दु:ख के बाद सुख भी आता है । हमें कष्टों से नहीं घबराना चाहिए, अपितु कर्म करते हुए तेजस्वी बनकर सूर्य की तरह चमकते रहना चाहिए ।_______________________,_,,___
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भारत में मुख्य रुप से चार मौसम होते हैं: गर्मी का मौसम उसमें से एक है। यह बहुत ही गर्म मौसम होता है, परन्तु लोगों के द्वारा अधिकतर पसंद किया जाता है। यह चार महीनों के लिए होता है (मार्च, अप्रैल, मई और जून), हालांकि, मई और जून सबसे अधिक गर्मी वाले महीने होते हैं। गरमी का मौसम पृथ्वी के सूर्य के चारों ओर घूमने के कारण होता है। इस प्रक्रिया के दौरान, जब पृथ्वी का भाग सूर्य के करीब आता है, तो वह भाग (सूर्य की सीधी किरणों के पड़ने के कारण) गर्म हो जाता है, जो गर्मियों का मौसम लाता है। इस मौसम में, दिन लम्बे होते हैं और रातें छोटी हो जाती है।
यह होली के त्योहार के बाद पड़ता है और बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ खत्म होता है। गर्मी के मौसम के दौरान वाष्पीकृत पानी वाष्प के रुप में वातावरण में संग्रहित हो जाता है (जो बादलों का निर्माण करता है) और बरसात के मौसम में बारिश के रुप में गिरता है। गर्मी के मौसम के लाभों के साथ ही कुछ हानियाँ भी है। एक तरफ, जहाँ यह मौसम बच्चों के मनोरंजन और आराम के लिए होता है; वहीं दूसरी ओर, यह लोगों को बहुत सी मुश्किलों और जोखिमों में डालता है; जैसे- उच्च ऊष्मा, तुफान, शरीर में पानी की कमी, कमजोरी, बेचैनी आदि। गर्मियों में मध्याह्न का समय भयंकर गर्मी से भरा हुआ होता है, जिसके कारण बहुत से कमजोर लोग लू लगने के कारण बीमार हो जाते हैं या मर जाते हैं।
भारत में बहुत से स्थानों पर, लोग पानी की कमी और सूखे की स्थितियों से पीड़ित होते हैं, क्योंकि कुए, तालाब और नदियाँ सूख जाती है। पेड़ों का पत्तियाँ पानी की कमी के कारण सूख कर गिर जाती है। चारों तरफ धूल से युक्त गर्म हवाएं चलती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण होती है। हमें गर्मी के मौसम में गर्मी को कम करने के लिए अधिक फल खाने चाहिए, ठंडी चीजों को पीना चाहिए।
यह होली के त्योहार के बाद पड़ता है और बरसात के मौसम की शुरुआत के साथ खत्म होता है। गर्मी के मौसम के दौरान वाष्पीकृत पानी वाष्प के रुप में वातावरण में संग्रहित हो जाता है (जो बादलों का निर्माण करता है) और बरसात के मौसम में बारिश के रुप में गिरता है। गर्मी के मौसम के लाभों के साथ ही कुछ हानियाँ भी है। एक तरफ, जहाँ यह मौसम बच्चों के मनोरंजन और आराम के लिए होता है; वहीं दूसरी ओर, यह लोगों को बहुत सी मुश्किलों और जोखिमों में डालता है; जैसे- उच्च ऊष्मा, तुफान, शरीर में पानी की कमी, कमजोरी, बेचैनी आदि। गर्मियों में मध्याह्न का समय भयंकर गर्मी से भरा हुआ होता है, जिसके कारण बहुत से कमजोर लोग लू लगने के कारण बीमार हो जाते हैं या मर जाते हैं।
भारत में बहुत से स्थानों पर, लोग पानी की कमी और सूखे की स्थितियों से पीड़ित होते हैं, क्योंकि कुए, तालाब और नदियाँ सूख जाती है। पेड़ों का पत्तियाँ पानी की कमी के कारण सूख कर गिर जाती है। चारों तरफ धूल से युक्त गर्म हवाएं चलती है, जो लोगों के स्वास्थ्य के लिए जोखिमपूर्ण होती है। हमें गर्मी के मौसम में गर्मी को कम करने के लिए अधिक फल खाने चाहिए, ठंडी चीजों को पीना चाहिए।
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