Hindi, asked by mayankextra95, 22 hours ago

write essay on गुरु बिन ज्ञान नही (70 to 80)

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Answered by samadhan25
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Answer:

जीवन विकास के लिए भारतीय संस्कृति में गुरु की महत्वपूर्ण भूमिका मानी गई है। गुरु की सन्निधि, प्रवचन, आशीर्वाद और अनुग्रह जिसे भी भाग्य से मिल जाए उसका तो जीवन कृतार्थता से भर उठता है। क्योंकि गुरु बिना न आत्म-दर्शन होता और न परमात्म-दर्शन। इन्हीं की प्रेरणा से आत्मा चैतन्यमय बनती है। गुरु भवसागर पार पाने में नाविक का दायित्व निभाते हैं। वे हितचिंतक, मार्गदर्शक, विकास प्रेरक एवं विघ्नविनाशक होते हैं। उनका जीवन शिष्य के लिये आदर्श बनता है। उनकी सीख जीवन का उद्देश्य बनती है। अनुभवी आचार्यों ने भी गुरु की महत्ता का प्रतिपादन करते हुए लिखा है- गुरु यानी वह अर्हता जो अंधकार में दीप, समुद्र में द्वीप, मरुस्थल में वृक्ष और हिमखण्डों के बीच अग्नि की उपमा को सार्थकता प्रदान कर सके।

Answered by ameyashelardav
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जो हमे अंधकार से प्रकाश तक ले जाए अर्थात जो हमे ज्ञान प्रदान करे उस पुरुष को गुरु कहते है।

आध्यात्मिक क्षेत्र में गुरु की बड़ी महिमा है। गुरु को ब्रह्मा, विष्णु और महेश से भी अधिक महत्व दिया जाता है। गुरु की भक्ती बहुत पुण्यमय होती है। गुरु का प्रमुख उद्देश्य अपने शिष्य को जीवन में सफल बनाना हैं।

अतः हमे गुरु का आदर करना चाहिए, क्योंकि कलयुग में गुरु प्राप्ति होना बहुत कठिन होता है।

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