Write essay on 'kisan hamara annha data'
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किसान हमारे अन्नदाता हैं। जाड़ा गर्मी और बरसात में तरह-तरह की मुसीबतें झेलकर वे फसल उगाते हैं। जाड़े में जब कड़ाके की सर्दी से बचने के लिए हम ब्लोअर के सामने बैठे होते हैं, तब वे अपनी गेहूं की फसल सींचने के लिए ठण्डे-ठण्डे पानी को खेत के हर हिस्से में पहुंचाने का प्रयास कर रहे होते हैं। फसल में कभी रोग लग जाता है तो कभी आग। सालभर की मेहनत पल भर में बरबाद हो जाती है। आलू, टमाटर जैसी फसल एक साथ प्रचुर मात्रा में पैदा होती और उस समय उसका वाजिब दाम नहीं मिलता। केन्द्र और राज्य सरकार की कितनी योजनाएं किसानों के हित में चल रही हैं, इसकी जानकारी भी नहीं हो पाती है। इतना सब होते भी किसान अपने खेतों से सोना उगाता रहता है और कभी-कभी खुद की परेशानियों से इतना घिर जाता है कि उसे आत्महत्या तक करनी पड़ती है। किसान ही इस देश के सबसे बड़े वोट बैंक हैं लेकिन किसानों की समस्या को ठीक से समझने और उन्हें दूर करने का किसी ने भी ईमानदारी से प्रयास नहीं किया है। यही कारण है कि मध्यप्रदेश में किसान आपे से बाहर हो गये और आगजनी व तोड़फोड़ करने लगे। शिवराज सिंह चैहान की सरकार ने यहां भी राजनीति दिखाई और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ से जुड़े किसान संघ को पटाने की कोशिश की, जबकि ज्यादातर किसान भारतीय किसान यूनियन के साथ थे और मध्यप्रदेश में किसान आंदोलन नियंत्रण से बाहर हो गया। हालांकि लगभग उसी तरह की मांग कर रहे महाराष्ट्र के किसानों को समझाने में वहां के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस कामयाब हो गये।किसान हमारे अन्नदाता हैं|
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