write essay on topic holi in hindi
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हिन्दूओं के द्वारा दिवाली की तरह ही होली भी व्यापक तौर पर मनाया जाने वाला त्योहार है। ये फागुन महीने में आता है जो वसंत ऋतु के फागुन महीने में आता है जिसे वसंत ऋतु की भी शुरुआत माना जाता है। हर साल होली को मनाने की वजह इसका इतिहास और महत्व भी है। बहुत साल पहले, हिरण्यकश्यप नाम के एक दुष्ट भाई की एक द्ष्ट बहन थी होलिका जो अपने भाई के पुत्र प्रह्लाद को अपने गोद में बिठा कर जलाना चाहती थी।
प्रह्लाद भगवान विष्णु के भक्त थे जिन्होंने होलिका के आग से प्रह्लाद को बचाया और उसी आग में होलिका को राख कर दिया। l तभी से हिन्दु धर्म के लोग शैतानी शक्ति के खिलाफ अच्छाई के विजय के रुप में हर साल होली का त्योहार मनाते है। रंगों के इस उत्सव में सभी एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर दिनभर होली का जश्न मनाते है।होली रंगों का एक शानदार उत्सव है जो भारत में हिन्दु धर्म के लोग हर साल बड़ी धूमधाम से मनाते है। ये पर्व हर साल वसंत ऋतु के समय फागुन (मार्च) के महीने में आता है जो दिवाली की तरह सबसे ज्यादा खुशी देने वाला त्योहार है। ये हर साल चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। इस दौरान पूरी प्रकृति और वातावरण बेहद सुंदर और रंगीन नजर आते है।
होली का ये उत्सव फागुन के अंतिम दिन होलिका दहन की शाम से शुरु होता है और अगला दिन रंगों में सराबोर होने के लिये होता है। बच्चे इस पर्व का बड़े उत्सुकता के साथ इंतजार करते है तथा आने से पहले ही रंग, पिचकारी, और गुब्बारे आदि की तैयारी में लग जाते है साथ ही सड़क के चौराहे पर लकड़ी, घास, और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन की प्रथा को निभाते है।
सभी रात में एक जगह इकठ्ठा होकर लकड़ी, घास, और गोबर के ढ़ेर को जलाकर होलिका दहन की रिवाज को संपन्न करते है। इसमें महिलाऐं रीति से संबंधित गीत भी गाती है। इस दौरान सभी खुशनुमा माहौल में होते है और होली खेलने के लिये अगली सुबह का इंतजार करते है। इस दिन सभी लोग सामाजिक विभेद को भुलाकर एक-दूसरे पर रंगों की बौछार करते है साथ ही स्वादिष्ट पकवानों और मिठाईयाँ बाँटकर खुशी का
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