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राजपूत छात्रावास
राजकीयइंटरकॉलेज , दिल्ली
दिनांक 18 जुलाई 2017
प्रिय पिताजी ,
सादर चरण स्पर्श।
आपकी कृपा से में यहां आनंद से हूँ। यहां के सभी नवीन साथी बड़े ही मिलनसार हैं। छात्रावास के अध्यक्ष भी बड़े ही अच्छे स्वभाव के हैं। यह हम लोगों का सौभाग्य है की हमें उनका सानिध्य प्राप्त हुआ। यहां पर भी मुझे घर के सामान सभी साधन उपलब्ध हैं। किन्तु छोटे भाई अनंत की याद मुझे हमेशा सताती रहती है।
माताजी को एवं प्रिय दादी को मेरा चरण स्पर्श व अनंत को मेरा प्यार। कृपया इसी प्रकार पत्र प्रेषित रहिये। आपका आज्ञाकारी पुत्र
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