English, asked by ks522557, 3 months ago

write paragraph topic bad traffic rule in sharanpur​

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Answered by Anonymous
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मनोज मिश्रा, सहारनपुर। सहारनपुर की सड़कें यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों की आदी हो गई हैं। यहां के वाहन स्वामियों की जिद है कि कुछ भी हो, कितना ही जुर्माना क्यों न लगे, लेकिन सुधरेंगे नहीं। यह जिद अब इन वाहन स्वामियों को भारी पड़ सकती है। यातायात नियमों के उलंघन पर प्रदेश सरकार दो गुने तक का जुर्माना वसूलने जा रही है। ऐसे में पिछले पांच साल में नियमों के उल्लघंन पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना भर चुके वाहन स्वामियों पर अब यह मार और भी कई गुना पड़ेगी।

प्रत्येक वर्ष माह नवंबर को बतौर यातायात माह मनाया जाता है। जिले में यातायात पुलिस के अलावा थाना पुलिस भी चेकिग अभियान चलाकर वाहन चालकों से जुर्माना वसूलती है, लेकिन कोई सुधरने को तैयार नहीं हैं। एक अनुमान के मुताबिक यातायात नियमों का उलंघन सबसे ज्यादा युवा ही करते हैं। पिछले कई सालों में एक से 30 नवंबर के बीच यातायात पुलिस स्कूलों में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए निबंध प्रतियोगिता करवाती है, कभी जागरूकता रैली निकलवाती है, लेकिन अफसोस फर्क किसी को नहीं पड़ता।

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अब बढ़ेगी मुसीबत

दरअसल योगी सरकार ने ट्रैफिक नियम तोड़ने मसलन हेल्मेट न पहनने, वाहन के कागज साथ न रखने पर जुर्माने की राशि पांच गुना तक बढ़ा दी है। इसलिए अब जिले में भी इसे लेकर सख्ती बढेगी, अगर यातायात नियमों का पालन नहीं किया तो जुर्माना आपकी जेब पर भारी पड़ सकता है।

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यह है जुर्माने का वर्षवार आंकड़ा वर्ष चालान जुर्माना

2014 20000 500000

2015 58072 1300500

2016 46099 1174000

2017 17484 4265800

2018 13806 2939300 ----

थाना पुलिस द्वारा वसूला जाने वाला जुर्माना अलग

पिछले पांच साल में एक करोड़ का जुर्माना भरने के बाद भी न सुधरने वाला यह आंकड़ा सिर्फ यातायात पुलिस का है, जबकि इससे दो से तीन गुना जुर्माना थाना पुलिस भी वसूलती है। ऐसा शायद ही कोई दिन गुजरता होगा, जब थाना पुलिस चेकिग अभियान चला कर वाहन चालकों से जुर्माना नहीं वसूलती हो।

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इनका कहना है..

वाहन चालकों को रोककर चेकिग का मकसद जुर्माना वसूलना नहीं बल्कि सिर्फ यह मैसेज देना होता है कि लोग यातायात नियमों का पालन करें। वाहन चलाते वक्त वाहन चालक हर वह चीज साथ रखें जो कानूनी तौर से जरूरी होती है। फिर चाहे उसमें वाहन से संबंधित सभी दस्तावेज व हेलमेट ही क्यों न हो।

Answered by IIinnocentBachiII
25

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मनोज मिश्रा, सहारनपुर। सहारनपुर की सड़कें यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों की आदी हो गई हैं। यहां के वाहन स्वामियों की जिद है कि कुछ भी हो, कितना ही जुर्माना क्यों न लगे, लेकिन सुधरेंगे नहीं। यह जिद अब इन वाहन स्वामियों को भारी पड़ सकती है। यातायात नियमों के उलंघन पर प्रदेश सरकार दो गुने तक का जुर्माना वसूलने जा रही है। ऐसे में पिछले पांच साल में नियमों के उल्लघंन पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना भर चुके वाहन स्वामियों पर अब यह मार और भी कई गुना पड़ेगी।

मनोज मिश्रा, सहारनपुर। सहारनपुर की सड़कें यातायात नियमों का उल्लघंन करने वालों की आदी हो गई हैं। यहां के वाहन स्वामियों की जिद है कि कुछ भी हो, कितना ही जुर्माना क्यों न लगे, लेकिन सुधरेंगे नहीं। यह जिद अब इन वाहन स्वामियों को भारी पड़ सकती है। यातायात नियमों के उलंघन पर प्रदेश सरकार दो गुने तक का जुर्माना वसूलने जा रही है। ऐसे में पिछले पांच साल में नियमों के उल्लघंन पर एक करोड़ रुपए तक जुर्माना भर चुके वाहन स्वामियों पर अब यह मार और भी कई गुना पड़ेगी।प्रत्येक वर्ष माह नवंबर को बतौर यातायात माह मनाया जाता है। जिले में यातायात पुलिस के अलावा थाना पुलिस भी चेकिग अभियान चलाकर वाहन चालकों से जुर्माना वसूलती है, लेकिन कोई सुधरने को तैयार नहीं हैं। एक अनुमान के मुताबिक यातायात नियमों का उलंघन सबसे ज्यादा युवा ही करते हैं। पिछले कई सालों में एक से 30 नवंबर के बीच यातायात पुलिस स्कूलों में ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए निबंध प्रतियोगिता करवाती है,

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