Hindi, asked by aishaismail1708, 1 month ago

WRITE PASSAGE MAXIMUM 100 WORDS TOPIC IS चालही जीवन​

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Answered by crankybirds30
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Answer:

अस बिचारि उर छाड़हु कोहू। सोक कलंक कोठि जनि होहू।।

भरतहि अवसि देहु जुबराजू। कानन काह राम कर काजू।।

नाहिन रामु राज के भूखे। धरम धुरीन बिषय रस रूखे।।

गुर गृह बसहुँ रामु तजि गेहू। नृप सन अस बरु दूसर लेहू।।

जौं नहिं लगिहहु कहें हमारे। नहिं लागिहि कछु हाथ तुम्हारे।।

जौं परिहास कीन्हि कछु होई। तौ कहि प्रगट जनावहु सोई।।

राम सरिस सुत कानन जोगू। काह कहिहि सुनि तुम्ह कहुँ लोगू।।

उठहु बेगि सोइ करहु उपाई। जेहि बिधि सोकु कलंकु नसाई।।

छं0-जेहि भाँति सोकु कलंकु जाइ उपाय करि कुल पालही।

हठि फेरु रामहि जात बन जनि बात दूसरि चालही।।

जिमि भानु बिनु दिनु प्रान बिनु तनु चंद बिनु जिमि जामिनी।

तिमि अवध तुलसीदास प्रभु बिनु समुझि धौं जियँ भामिनी।।

सो0-सखिन्ह सिखावनु दीन्ह सुनत मधुर परिनाम हित।

तेइँ कछु कान न कीन्ह कुटिल प्रबोधी कूबरी।।50।।

उतरु न देइ दुसह रिस रूखी। मृगिन्ह चितव जनु बाघिनि भूखी।।

ब्याधि असाधि जानि तिन्ह त्यागी। चलीं कहत मतिमंद अभागी।।

राजु करत यह दैअँ बिगोई। कीन्हेसि अस जस करइ न कोई।।

एहि बिधि बिलपहिं पुर नर नारीं। देहिं कुचालिहि कोटिक गारीं।।

जरहिं बिषम जर लेहिं उसासा। कवनि राम बिनु जीवन आसा।।

बिपुल बियोग प्रजा अकुलानी। जनु जलचर गन सूखत पानी।।

अति बिषाद बस लोग लोगाई। गए मातु पहिं रामु गोसाई।।

मुख प्रसन्न चित चौगुन चाऊ। मिटा सोचु जनि राखै राऊ।।

दो-नव गयंदु रघुबीर मनु राजु अलान समान।

छूट जानि बन गवनु सुनि उर अनंदु अधिकान।।51।।

रघुकुलतिलक जोरि दोउ हाथा। मुदित मातु पद नायउ माथा।।

दीन्हि असीस लाइ उर लीन्हे। भूषन बसन निछावरि कीन्हे।।

बार बार मुख चुंबति माता। नयन नेह जलु पुलकित गाता।।

गोद राखि पुनि हृदयँ लगाए। स्त्रवत प्रेनरस पयद सुहाए।।

प्रेमु प्रमोदु न कछु कहि जाई। रंक धनद पदबी जनु पाई।।

सादर सुंदर बदनु निहारी। बोली मधुर बचन महतारी।।

कहहु तात जननी बलिहारी। कबहिं लगन मुद मंगलकारी।।

सुकृत सील सुख सीवँ सुहाई। जनम लाभ कइ अवधि अघाई।।

दो0- जेहि चाहत नर नारि सब अति आरत एहि भाँति।

जिमि चातक चातकि तृषित बृष्टि सरद रितु स्वाति।

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