Computer Science, asked by anjalijangid37, 10 months ago

write poem in Hindi on maa ( mother)

Answers

Answered by DevanshKapoot
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Answer:

माँ सब जानती है,

तुझे खुद से भी ज्यादा पहचानती है,

लाख कोशिश कर तू छिपाने की,

तेरे हर सुख-दुख को वो जानती है | …1

खुद जागकर तुझे सुलाती है,

खुद रोकर तुझे हंसाती है,

तन्हा रहती है खुद मगर,

तेरा साथ हमेशा निभाती है,

माँ सब जानती है | …2

जब तुझे चोट लगे तो सिसकती है माँ,

जब तू गलती करे तो समझती है माँ,

तू ही तो है माँ का लाडला,

जब तेरी आँखे भीगे आंसुओं से,

तो अपना आँचल देती है माँ,

माँ सब जानती है | …3

उसकी हर दुआ कबूल है,

वो तो ममता का एक फूल है,

शायद तभी भगवान से भी ऊपर आती है माँ,

एक सच्चा दोस्त कहलाती है माँ,

तुझे ना हो फुर्सत एक पल भी उसके लिए,

उसका हर पल हर लम्हा है तेरे लिए,

माँ सब जानती है | …4

पर आज मैं दूर हूँ,

खुद से मजबूर हूँ,

उलझा हूँ ज़िन्दगी के सफर में,

चल रहा हूँ माँ तेरे सपनो की डगर पे,

चाहत है तुझे खुश रखने की,

मुझे पता है माँ तू सब जानती है |

Explanation:

Answered by Anonymous
1

Answer:

मेरे लिए त्याग तपस्या की सर्वश्रेष्ठ जीवन्त मूर्ति, ममता और दया भाव से भरी, अपना दुःख भूल कर बच्चों के लिए जीने वाली, पेड़ पौधों, पशु पक्षियों तथा अपने क़रीब रहने वाले लोगों के दुःख दूर करने का हर सम्भव प्रयास करने वाली इंसान का नाम माँ है। मेरी माँ अपने जीवन के 80 वसंत देखने के बाद आज भी ऐसी हैं।

मेरे लिए मेरी माँ प्रथम पूज्य हैं। मेरे दिन का प्रारम्भ उनके आशीर्वाद से होता है। उनकी दुआओं का ही असर है कि आज हम खुशहाल जिंदगी जी रहे हैं

भगवान हमारी किस्मत हमारे कर्मों के आधार पर लिखते हैं। पर माँ हमारी किस्मत हमारे बुरे कर्मों को माफ़ कर के लिखती है। इस तरह वो मेरे लिए धरती माँ की तरह हैं जो अपने अच्छे और बुरे बच्चों में कोई भेद नहीं करती है।

मेरे लिए मेरी माँ मेरी सबसे अच्छी सहेली है।                                                                                     हम बच्चों को मात-पिता ने, कैसे कैसे पाला।

हमको कुछ भी समझ न आया, जाने ऊपरवाला।

माँ की ममता क्या होती है, माँ कैसी होती है।

सब कुछ बच्चों को दे देती, खुद भूखी सोती है।

ऐसी माँ के चरणों में हम, नित नित शीश झुकाएं।

कोशिश अपनी इतनी है बस, वो आंसू न बहाए।।

मात-पिता से बढ़कर जग में, नहीं है कोई दूजा।

यही हमारे गीता-भगवत, यही पाठ, यही पूजा।

मेरे भाई-मेरी बहना, तुम भी फर्ज निभाना।

हाथ जोड़ मैं करूँ निवेदन, दिल न उनका दुखाना।

मात-पिता ही इस धरती पर असली के भगवान हैं।

हमें गर्व है इसी बात का हम उनकी संतान हैं ।।

हमें गर्व है इसी बात का, हम उनकी संतान है।।

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