Write self composed poem in Hindi language on any topic
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मैं मम्मी मम्मी करते चली आई!!
उस हजार लोगों की भीड़ में अकेले रह गई थी
वो मेरा हाथ पकड़ कर खींच लाई
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई।
मेरे बचपन में,
मुझे अपना हाथ पकड़ चलना सिखाई
वही हाथों से मुझे लिखना सिखाई
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई।
मेरी गलती करने पर,
मुझे डांट कर प्यार करते नजर आई
भुख ना होने पर भी,
मुझे अपने हांथो से खाना खिलाई
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई।
दोस्तों के रुठ जाने पर,
वो मुझे मेरी दोस्त बनते नजर आई
मेरे रोने पर,
वो मेरे आंसू पोंछते नजर आई
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई।
मेरे दुख हो चाहे हो मेरे सुख
वो हर पल मेरे साथ खड़ी नजर आई
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई।
और मैं मम्मी मम्मी करते चली आई!!
किसान की खेती , बंजर जमी सूखी रेती.
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती
किस्मत उसकी परीक्षा लेती।
मेहनत उसकी तन तोड़ देती
बूढ़ी आंखे पलके भिगोती।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
किसान का बेटा।
जी जान है देता
जरा से दाने को
बिघो में भर लेता।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
किसान का बेटा।
सरहद पे सर है देता
जरा सा देश का नमक खा कर
उम्र भर कर्ज अदा करता।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
मेहनत उसकी।
बड़ों बड़ों की भूख मिटाती
उसकी रगो में है दौड़ती
भारत की माटी।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
किसान है अन्नदाता।
देश का सच्चा सिपाही,
गरीब किसान ने
हरी की बंजर जमी,
ओर देश के लिए
सरहद पर गोली भी खाई
किसान ने जीवन के हर पहलू में,
लड़ी है लड़ाई।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
किसान का खेत जब भी।
फसल से लहराया पूरे भारत ने,
आंख तीज बैसाखी पोंगल
खुशियों का त्यौहार बनाया।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
किसान ने अपना धर्म निभाया।
पीढ़ियां दी अपनी,
पर किसान का आजतक
कर्ज उतर नहीं पाया।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.
भारत के लिए लड़ी लड़ाई।
भारत को भुखमरी से बचाया
भारत का किसान,
आज भी अपने हालातो
से उबर नहीं पाया ।।
किसान की खेती
बंजर जमी सूखी रेती.