write short essay on atithi. in 10,000-10,100 words
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अथिति देवो भव यह एक प्राचीन कहावत है जिसका अर्थ होता है मेहमान का अच्छे तरीके स्वागत करना | पुरातन काल से मेहमानों को भगवान की तरह आदर और सम्मान दिया जाता था |
अतिथि का अच्छे से ध्यान रखा जाता था और उनकी व्यवस्था की जाती थी | भारतीय संस्कृति को अतिथि यानि मेहमान को भगवान के समान मानते है |अतिथि यह हमारे घर पर आने वाले रिश्तेदार या कुछ दोस्त भी हो सकते है | कई लोग अपने कुछ रिश्तेदारों के घर पर जाते है | आज के समय में सभी लोग अतिथि के रूप में एक दुसरे के घर जाते है |
कई लोग कुछ वकत के लिए जाते है तो कोई महीनों के लिए जाते है | अतिथि जब घर पर आते है तो वो बहुत सारी खुशिया भी लेकर आते है |
अतिथि जब घर पे आते है तो उनको सबसे पाहिले पानी पूछते है | उसके बाद उनको भोजन देते है और उनको रहने के लिए अच्छी जगह पे व्यवस्था करते है |आज काल के ज़माने में अपरिचित लोग अतिथि के रूप में हमारे घर आते है | और वो घर में आकर कई तरह का नुकसान भी पहुँचा सकते है | हम सभी को ऐसे लोगो से बचकर रहना चाहिए | जब वो अतिथि हमारे परिवार के रहंगे तो कोई ना कोई परिवार का सदस्य उनको पहचान सकता है
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अथिथी देवो भव:
घर आये मेहमान (अतिथी) भगवान के समान होते हे!