Hindi, asked by deviranjan651, 9 months ago

WRITE THE ABOUT OF RAMANAND Hindi mein​

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Answered by dheerajpathania05
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Answer:

Ramanand Sagar (29 December 1917 – 12 December 2005[citation needed]) (born Chandramauli Chopra) was an Indian film director. He is most famous for making the Ramayan television series, a 78-part TV adaptation of the ancient Indian epic of the same name, starring Arun Govil as Lord Ram and Deepika Chikhalia as Sita.[1] This TV serial was then widely watched and liked across the country. The Government of India awarded him the civilian honour of Padma Shri in 2000.[

Answered by Devrajshubham2007
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रामानन्द सम्प्रदाय के प्रवर्तक समी रामानन्दाचार्य का जन्म सम्वत् 1236 में हुआ था। जन्म के समय और स्थान के बारे में ठीक-ठीक जानकारी उपलब्ध नहीं है। शोधकर्ताओं ने जो जानकारी जुटाई है उसके अनुसार रामानन्द जी के पिता का नाम पुण्यसदन और माता का नाम सुशीला देवी था। उनकी माता नित्य वेणीमाधव भगवान की पूजा किया करती थीं। एक दिन वे मन्दिर में दर्शन करने गईं तो उन्हें दिव्योणी सुनाई दी - हे माता पुत्रवती हो। उनके आँचल में एक माला और दाहिनार्त शंख प्रकट हुआ। वह प्रसाद पाकर बहुत खुश हुईं और पतिदेव को सारी बात बताई।

एक दिन माता ने देखा- आकाश से प्रकाश पुंज आ रहा है। वह प्रकाश उनके मुख में समा गया। माता डरकर बेहाश हो गईं। थोड़ी देर बाद उन्हें जब होश आया तो वे उठकर बैठ गई। उस दिन से उनके शरीर में एक शक्ति का संचार होने लगा। शुष्लग्न में प्रात:काल आचार्य प्रकट हुए। उनके प्रकट होने के समय माता को बिल्कुल पीड़ा नहीं हुई। पुण्यसदन जी के घर बालक पैदा होने की खबर पाकर पूरा प्रयाग नगर उमड़ पड़ा। कुलपुरोहित ने उनका नाम रामानन्द रखा। बालक के लिए सोने का पालना लगाया गया। उनके शरीर पर कई दिव्य चिन्ह थे। माथे पर तिलक का निशान था। बालक के खेलने के समय एक तोता रोजाना उसके पास आ जाता और ‘राम-राम‘ का शब्द करता। यह ‘राम-राम‘ का शब्द उनके जीन का आधार बन गया। इस बालक के पास एकोनर और कौआ भी रोजाना आता था। वह कौआ बालक के खिलौने लेकर उड़ जाता और बालक के मचलने परोपस दे जाता। भादों के महीने में ऋषि-पंचमी के दिन अन्न प्रक्षालन का उत्सव मनाया गया। थाल में पकान, खीर और लड्डू रखे गए लेकिन बालक रामानन्द ने केल खीर को उंगली लगाई। माता ने थोड़ी-सी खीर मुख में खिला दी। उसके अलावा बालक को कुछ नहीं खाया। यह खीर ही आजीन उनका आहार था।

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