English, asked by greenland856, 14 days ago

write the journey of najab alone into pakistan . in 100 and above words​

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Answered by Anket1506
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here is your answer....

Explanation:

Najab set out on his journey to cross the desert with his camel, Allaharakha. He had stayed during the day at Kala Doongar. It was a black hill capped with basalt. It was the highest in Kutch. At dusk, he paid homage to the footprints of the Panchami Pir on the hilltop. He left some food there and started beating on his thali, according to custom here. In a few minutes, jackals materialized and gobbled up the food. This was auspicious. If they had not turned up, it would have considered the ill-effects of the omen serious enough to have cancelled the journey. A lamp was lighted in the Pir’s honour every night on the hilltop and the flame could be seen all the way from Khavda. Najab bowed before the flame and set out.

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नजब रेगिस्तान पार करने की यात्रा पर अपने ऊँट अल्लाहरक्खा के साथ निकल पड़ा। वह दिन में काला डूंगर पर रुका। यह बैसाल्ट से ढकी एक काली पहाड़ी थी। यह कच्छ की सबसे ऊँची पहाड़ी थी। शाम को पहाड़ी पर उसने पंचमई पीर के पदचिन्हों की पूजा की। यहाँ के रिवाज के अनुसार, उसने कुछ भोजन को छोड़कर थाली को पीटना शुरू कर दिया। कुछ ही देर में वहाँ सियार आ गए और उस खाने को जल्दी-जल्दी खा गए। यह अच्छा शकुन था। यदि वे इस तरह आकर खाना न खाते तो यह अशुभ होता और इसके दुष्प्रभावों से बचने के लिए उसे अपनी यात्रा तक रद्द करनी पड़ जाती। पीर के सम्मान में उस पहाड़ी की चोटी पर प्रत्येक रात को दीया जलाया जाता था और इसकी लौ खावदा के पूरे रास्ते से देखी जा सकती थी। नजब दीपक के सामने झुका और रवाना हो गया।

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