Hindi, asked by sunita926343, 1 year ago

write the life history of rambriksh benipuri in short along with potrait ..


pls write answer in Hindi it's an request plz .....



hope u will answer my question fastly ..

write correct answer don't spam otherwise I will report you​

Answers

Answered by pathakshreya456
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Answer:

रामवृक्ष बेनीपुरी का जन्‍म मुजफ्फ्फरपुर जिले के वेनीपुर ग्राम के एक कृषक परिवार में सन् 1902 ई. में हुआ था। बचपन में ही माता-पिता के स्‍वर्गवासी हो जाने के कारण इनका लालन-पालन मौसी ने किया। सन् 1920 ई. में गॉंधी जी के नेतृतवमें असहयोग आन्‍दोलन प्रारम्‍ीा होने पर ये अध्‍ययन छोड़कर स्‍वतंत्रता-आन्‍दोलन में सम्म्‍िलित हो गये। इस बची मैट्रिक के पश्‍चात् इन्‍होंने अध्‍ययन छोड़ दिया। बात में हिन्‍दी-साहित्‍य सम्‍मेलन की 'विशारद' परीक्षा उत्तीर्ण की। पत्र-प‍ात्रिकाओं में लिखकर तथा स्‍वयं सम्‍पादन करके देशवासियों में देशभक्ति की जवाला भड़काने के अाारोप में इन्‍हें अनके बार जेल जाना पड़ा। सन् 1931 ई. में 'समाजवादी दल' की स्‍थापना की और सन् 1957 ई. में इस दल के प्रत्‍याशी के रूप में बिहार विधानसीाा के सदस्‍य निर्वाचित हुए। बचपन से ही 'रामचरितमानस' का पाठ करते रहने के कारण धीरे-धीरे इनकी साहित्यिक रुचि का विकास हुआ। स्‍वतंत्रता के पश्‍चात् इन्‍होंने अपनी साधना का पुरस्‍कार नहीं चाहा, बल्कि ख्‍याति एवं पद के पीछे दौड़नेवालों को देखकर ये दु:खी होते हथे। सचमुच ये 'नींव की ईंट' बनना चाहते थे जिसके ऊपर सारी इमारत टिकी रहती है। भाषा, साहित्‍य, समाज और देश की सेवा समान उत्‍साह से एक साथ करनेवाले बेनीपुरी जी का 7 सितम्‍बर 1968 ई. को निधन हो गया।

साहित्यिक परिचय- बेनीपुरी जी बहुमुखी प्रतिभा के साहित्‍य-सेवी थे। इन्‍होंने कहानी, नाटक, उपन्‍यास, रेखाचित्र, यात्रा-विवरण, संस्‍मरण एवं निबन्‍ध्‍ आदि गद्य-विधाओं में विपुल साहित्‍य की रचना की। पन्‍द्रह वर्ष की अल्‍पायु से ही इन्‍होंने पत्र-पत्रिकाओं में लिखना प्रारम्‍भ किया था। पत्रकारिता तो इनकी साहित्‍य-साधन के मूल में थी। बिहार में हिन्‍दी-प्रसार का कार्य इनके निर्देशन में बड़ी सक्रियता से चलता रहा । '‍बिहार हिन्‍दी सा‍हित्‍य सम्‍मेलन' की स्‍थापना में भी इनका विशेष योगदान रहा। इनके क्षरा लिखे गये रेखाचित्र एवं यात्रा-वर्णन हिन्‍दी-साहित्‍य में बेजोड़ है। इनका पूरा सहित्‍य 'बेनीपुरी ग्रन्‍थावली' के रूप समें कई खण्‍डों में प्रकाशित हो चुका है।

Answered by Akanksha1011111
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बेनीपुरी बहुमुखी प्रतिभा के लेखक थे .इन्होने कहानी ,उपन्यास ,नाटक ,

रेखा चित्र

,यात्रा विवरण ,संस्मरण ,निबंध आदि गद्य की सभी प्रचलित विधाओं में विपुल साहित्य की रचना की .बेनीपुरीजी ने अपने संगठनात्मक व प्रचारात्मक कार्यों द्वारा हिंदी तथा जनता की बड़ी सेवा की है .इनका नाम बिहार हिंदी साहित्य सम्मलेन के संस्थापकों में लिया जाता है .इनका पूरा साहित्य बेनीपुरी ग्रंथावली के रूप में कई खण्डों में प्रकाशित हो चुका है .इनके कई प्रसिद्ध ग्रन्थ हैं -

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