Geography, asked by vaishnavi8166, 1 year ago

Write the limitations of Non cooperation movement and Civil disobedience movement.

Answers

Answered by adityapatil12102003
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Explanation:

It led to disintegration and violence all around.

It led to disintegration and violence all around.People departed ways,the way congress wanted to implement non-cooperation and swarj meant different to different people and thus it led to conflict.

It led to disintegration and violence all around.People departed ways,the way congress wanted to implement non-cooperation and swarj meant different to different people and thus it led to conflict.Boycott of institutions posed a problem hence the movement was not successful.

लाहौर में हुए अधिवेशन में गांधीजी को सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारभ करने के अधिकार दिए गए । इस आंदोलन को शुरू करने से पूर्व गांधीजी ने सरकार के सम्मुख नमक पर लगाए गए कर को रद्द करना, नमक बनाने के सरकार के एकाधिकार को समाप्त करना और शराब पर प्रतिबंध लगाना आदि माँगे रखीं परंतु सरकार ने इन माँगों को ठुकरा दिया ।

अत: गांधीजी ने नमक पर लगे कानून को तोड़कर देशव्यापी सत्याग्रह करने का निश्चय किया । नमक जैसी जीवनावश्यक एवं प्रकृति से प्राप्त वस्तु पर कर लगाना अन्याय था । नमक आंदोलन तो एक प्रतीक था । वास्तव में सरकार के सभी अन्यायपूर्ण एवं अत्याचारी कानूनों को शांति के मार्ग पर चलकर तोड़ना, उसका व्यापक अर्थ था ।

ADVERTISEMENTS:

सविनय अवज्ञा आंदोलन के साथ-साथ शराब और विदेशी कपड़ों की दूकानों के सामने धरना देना, करबंदी आंदोलन करना जैसी बातों का समावेश सविनय अवज्ञा आंदोलन में था । अत: इस आंदोलन का स्वरूप व्यापक हो गया था ।

दांडी यात्रा:

गांधीजी ने गुजरात के दांडी गाँव में नमक आंदोलन आरंभ करने का निश्चय किया । १२ मार्च १९३० को वे अपने ७८ आंदोलनकारी सहयोगियों के साथ नमक आंदोलन करने के लिए साबरमती आश्रम से चल

पड़े । उनके साथ सरोजिनी नायडू, मिठूबेन पेटीट थीं ।

साबरमती से दांडी की ३८५ कि॰मी॰ की यात्रा में असंख्य आंदोलनकारी उनसे आ मिले । ६ अप्रैल को गांधीजी ने दांडी के समुद्र तट पर नमक उठाकर नमक के कानून को तोड़ा । इसी के साथ संपूर्ण देश में सविनय अवज्ञा आंदोलन प्रारंभ हुआ ।

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