Write the meaning of the following shloka:
यथेमां वाचं कल्याणीमावदातन जनेभ्यः
ब्रह्मराजन्याभ्यां शद्रूाय चायााय चारणाय च स्वाय
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मैंने इस कल्याणकारिणी वेद वाणी का उपदेश सभी मनुष्यों - ब्राह्मणों ,क्षात्रिय ,शुद् , वैश्य, स्वाश्रित स्री-भृतय आदि और अतिशूद् आदि के लिए किया है ।
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