x. बिजली चमकने लगी। akrmak kriya ya sakramk
Answers
Answer:
"बिजली चमकने लगी।" अकर्मक क्रिया का उद्धारण है।
Explanation:
इस सवाल का उत्तर देने के लिए हमें कुछ शब्दों का अर्थ पता होना चाहिए। जैसे की :
कर्ता : जिसने काम (क्रिया) किया।
उद्धारण – राजेश, रिया, बच्चे, वह, कुत्ता, कोई भी संज्ञा या सर्वनाम शब्द।
क्रिया : जो काम हुआ।
उद्धारण – खेलना, लिखना, सुनना, देखना आदी।
कर्म : जिसपर काम (क्रिया) किया गया।
उद्धारण –
- "उसने फल खाया।" इस वाक्य में खाने की क्रिया फल पर की जा रही है।
- "स्मिता ने चाय बनाया।" इस वाक्य में बनाने की क्रिया चाय पर की जा रही है।
क्रिया दो प्रकार की होती है।
जिन वाक्यों में क्रिया का प्रभाव कर्म पर पड़ता है। उन्हें सकर्मक क्रिया कहा जाता है।
जिन वाक्यों में कर्म होता है। वह सकर्मक क्रिया होते है।
उद्धारण –
- सुमित ने किताब लिखा।
- अध्यापक ने बच्चे को मारा।
- हम सब क्रिकेट खेल रहें हैं।
जिन वाक्यों में क्रिया का प्रभाव कर्ता पर पड़ता है। उन्हें अकर्मक क्रिया कहा जाता है।
जिन वाक्यों कर्म नहीं होता। सिर्फ कर्ता और क्रिया होते हैं। वह अकर्मक क्रिया होते है।
उद्धारण –
- पुष्पा हसने लगी।
- बारिश होने लगी।
- अपना खाना खाओ।
इसीलिए "बिजली चमकने लगी।" अकर्मक क्रिया का उद्धारण है। क्योंकि इस वाक्य में कर्म नही है।