Hindi, asked by tejverma805, 5 months ago

(xx) 'हयवदन' पर किस लोकनाट्य का प्रभाव है ?​

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Answered by unmana53
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Answer:

इन सभी नाटकों में स्त्री-पुरुष-संबंध को लेकर किसी या किन्हीं बिन्दुओं से त्रिकोण बनते हैं। हयवदन की उपकथा में मनुष्य के पूर्ण मनुष्य होने से आरंभ होकर शरीर और मस्तिष्क दोनों की श्रेष्ठता की कामना मुख्य कथा में प्रदर्शित की जाती है।

Answered by franktheruler
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" हयवदन " नाटक जर्मनी के लेखक थॉमस मान के द्वारा लिखे गए नावेल ट्रांसपोजड हेड्स पर आधारित है।

  • यह नाटक गिरीश कर्नाड ने कन्नड़ भाषा में लिखा था, यह बहुत सुप्रसिद्ध नाटक है।भगवत नाटक का मुख्य कथानक है, देवदत्त एक ज्ञानी है, कपिल शारीरिक रूप से बलशाली है व देवदत्त का मित्र है।
  • पद्मिनी सुंदर स्त्री है और व देवदत्त से विवाह करती है।
  • हयवदन एक प्राणी है जो सिर से घोड़ा है व धड़ से इंसान है।
  • इस नाटक में स्त्री व पुरुष के रिश्ते के अधूरे पन को दर्शाया गया है। संबंधों में उलझन व प्रेम त्रिकोण दर्शकों को नाटक में रुचि रखने में सफल रहा।
  • इस नाटक में प्रेम, ईर्ष्या द्वेष आदि भावनाओं ने दर्शकों को भावुक किया।

#SPJ2

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