Social Sciences, asked by rekhalognathan, 2 months ago

यू आर यूइफ यू आर इन द प्लेस ऑफ गांधीजी व्हाट विल वी हैव डन बिग बॉस्केट फॉर रिमूव वॉटर पार्क ​

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Answered by princyjaison18
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Answer:

Explanation:

वहाँ एक लड़का था। उसका नाम मोहन था।

वह राजकोट के एक स्कूल में पढ़ता था। वह पढ़ने में तेज नहीं था, लेकिन पढ़ने का बहुत शौकीन था।

एक बार उन्होंने श्रवण की कथा पढ़ी। श्रवण अपने बूढ़े और अंधे माता-पिता को बांस के जूए पर दो टोकरियों में बांधकर ले जाता था। अपने वृद्ध माता-पिता के प्रति समर्पण से मोहन को गहरा स्पर्श हुआ। उन्होंने श्रवण की तरह बनने और अपने माता-पिता की सेवा करने का संकल्प लिया।

एक बार मोहन ने राजा हरिश्चंद्र के जीवन का चित्रण करते हुए एक नाटक देखा, जिसने अपना राज्य खो दिया और सत्य के लिए बहुत कुछ सहा। मोहन इस नाटक से इतना प्रभावित हुआ कि उसकी आंखों में आंसू आ गए। उन्होंने सत्य के मार्ग से कभी न हटने और हरिश्चंद्र की तरह सदा सत्यवादी और ईमानदार बनने का निश्चय किया।

बचपन में युवा गांधी बहुत डरपोक थे। वह अपने घर में भी अँधेरे में कदम रखने से डरता था। उसे भूतों और चोरों और सांपों का डर था। रंभा उनके घर में नौकरानी थी। एक बार उसने मोहन से कहा: 'तुम इतने भयभीत क्यों हो? राम को याद करो! राम सदैव आपकी रक्षा करेंगे। जो राम का स्मरण करता है, उसे भय कभी नहीं लगता।'

मोहन इन शब्दों से बहुत प्रभावित हुआ। उन्होंने राम का नाम जपना शुरू कर दिया। जैसे-जैसे वे बड़े हुए राम में उनकी आस्था बढ़ती गई। उसने भगवान को याद किया और अपना सारा काम उसे समर्पित कर दिया। जब उनकी मृत्यु हुई तो उनके अंतिम शब्द थे 'हे राम!'

मोहन के पिता, करमचंद गांधी, काबा गांधी के नाम से लोकप्रिय थे। शुरुआती वर्षों में, वह पोरबंदर के दीवान थे, और उसके बाद वे राजकोट के दीवान बने। राजकोट में रहने के दौरान, उनके पारसी और मुस्लिम दोस्त अक्सर उनके घर आते थे और अपने धर्मों में अच्छाई की चर्चा करते थे। युवा मोहन, जो अकसर पिता के पास बैठा करता था, इन चर्चाओं को सुनता था। इन बहसों ने उनमें सभी धर्मों के लिए सच्चा प्रेम पैदा किया।

एक बार स्कूलों के इंस्पेक्टर उनके स्कूल में आए। वह लड़कों की परीक्षा लेना चाहता था, इसलिए उसने लड़कों को अंग्रेजी के कुछ शब्द बोलकर सुनाए। मोहन एक शब्द की स्पेलिंग सही नहीं लिख सका। उसके शिक्षक ने उसे अपने पड़ोसी की स्लेट से वह शब्द कॉपी करने के लिए कहा, लेकिन मोहन ने ऐसा नहीं किया। उसे किसी को धोखा देना पसंद नहीं था, चाहे कुछ भी हो जाए। परिणाम यह हुआ कि मोहन को छोड़कर सभी विद्यार्थियों ने सभी शब्दों की वर्तनी सही लिखी। क्लास के बाद टीचर ने मोहन को डांटा और मोहन को चोट लग गई। लेकिन अंदर ही अंदर वह जानता था कि उसने जो किया वह सही था।

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