Social Sciences, asked by bhavikakhade028, 1 month ago

याबाबत माहिती लिहा. विविध संगणकीय सॉफ्टवेअरचा वापर करून त्यादवारे मानवी उत्क्रांतीचे सादरीकरण तयार कराव वर्गात त्यावर गटचर्चा करा.​

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Answered by SULTHANASAJI
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Answer:

भारत विगत कई वर्षों से कुशल नेतृत्व के अभाव से ग्रसित रहा। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने 2014 में केन्द्र सरकार बनाते समय ही यह स्पष्ट कर दिया था कि हमारी सरकार का लक्ष्य व प्राथमिकता भारत का नवनिर्माण है। हमारी प्राथमिकता भारत के वंचित, शोषित, निर्धन व पिछड़े भारतवासियों का उत्थान है जो कि किन्हीं कारणोंवश विकास से वंचित रहे।

पूर्ववर्ती सरकार की अस्पष्ट नीतियों व गलत निर्णयों से आर्थिक प्रगति का लाभ वर्ग विशेष में सिमट कर रह गया जिससे आर्थिक विषमता में वृद्धि हुई। धनाढ्य वर्ग और अधिक धनाढ्य बना और निर्धन और निर्धन होते चला गया। इस आर्थिक विषमता को दूर करने हेतु पहला प्रयास नीतिगत् निर्णयों में स्पष्टता व लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्धता रही। माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सरकार ने न सिर्फ नई योजनाओं को प्रारंभ किया अपितु उनके लक्ष्यों को समय सीमा में पूर्ण करने के लिए प्रावधान भी किये। भारत ने अपनी विकास यात्रा नई उमंग, नई ऊर्जा व नई चेतना के साथ प्रारम्भ की, जहाँ सभी वर्ग, सभी उम्र व भारत के प्रत्येक स्थान में रहने वाले भारतवासियों के लिए योजनाएं बनाई गईं व उनके क्रियान्वयन में अपेक्षित जन सहयोग भी मिला।

केन्द्र सरकार का उद्देश्य सिर्फ योजनाएं बनाकर रह जाना नहीं था अपितु उनके क्रियान्वयन व क्रियान्वयन में आने वाली समस्याओं के लिए समस्या सुधार की व्यवस्था बनाना भी था। कार्यक्रम व योजनाओं के क्रियान्वयन में गति का विशेष ध्यान रखा गया। केन्द्र सरकार के प्रमुख कार्यक्रम जैसे उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना, उजाला योजना, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मृदा स्वास्थ्य कार्ड जैसी कई अन्य योजनाओं के निर्धारित लक्ष्यों को निर्धारित समयसीमा में पूर्ण किया गया। नये लक्ष्यों को और अधिक बढ़ाया गया व उनकी प्राप्ति करने हेतु अनवरत प्रयास किये जा रहे हैं। इन प्रमुख योजनाओं का लाभ भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले निवासियों को मिला, यह वर्ग स्वतंत्रता के इतने वर्षों बाद भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित था, आज ग्रामीण क्षेत्रवासी भारत के विकास में अपना योगदान देने हेतु तत्पर हैं व उनमें यह भाव जगा है कि भारत की प्रगति में उनका भी योगदान है। अभीतक भारत का विकास व आर्थिक प्रगति शहरीकरण व औद्योगीकरण में ही प्रदर्शित होती थी जो कि आज ’’सबका साथ सबका विकास’’ की अवधारणा को पुष्ट करते हुए भारत के प्रत्येक राज्य व प्रत्येक क्षेत्र के निवासियों की उन्नति व समृद्धि में परिलक्षित होती है।

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