Hindi, asked by sharma82basant, 8 months ago

योगा करने से होने वाले लाभ के विषय में पिता और पुत्र के बीच संवाद।
काटकहना
पिता
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पिता
पुत्र
पिता
पुत्र
पिता
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पुत्र​

Answers

Answered by XxMissCutiepiexX
6

Explanation:

कल शर्माजी के यहाँ से सुबह-सुबह लड़ने की आवाज आई तो देखा कि पिता-पुत्र में जमकर घमासान हो रहा है। दोनों एक-दूसरे को कोसने और अपशब्द कहने में लगे हुए थे। दोनों की कहासुनी इस कदर बढ़ी कि बेटा अपने परिवार सहित कार में बैठकर घर छोड़कर चला गया। बात छोटी-सी थी कि बेटे ने कुछ जरूरी कागजात दुकान में छोड़ दिए थे। पिता का कहना था ऐसी लापरवाही रखेगा तो कुछ कमा नहीं पाएगा।

ऐसे ही मिश्राजी की अपने बेटे से रोज एक ही बात पर बहस होती कि दिनभर टी.वी. देखने की बजाए कुछ काम क्यों नहीं करते। त्रिवेदीजी और उनके बेटे में जब भी घर में रहते कुछ न कुछ खटर-पटर चलती रहती थी। वे किसी भी बात पर एक मत नहीं होते थे। एक पूर्व तो दूसरे को पश्चिम की तरफ चलना जरूरी लगता था।

इस तरह पांडे्‌य साहब जब भी मिलते अपने बेटे की जमकर बुराई जरूर करते। ऐसा नहीं है कि उन्हें अपने बेटे से प्रेम नहीं, पर पता नहीं क्योंकि उनकी जमती ही नहीं थी। वे सोचते थे कि बेटा सभी रिश्तेदारों के यहाँ जाया करे, पर बेटे को लगता कि रिश्तेदारों के यहाँ जाना समय की बर्बादी है। इस कारण उनमें हमेशा तनाव बना रहता था।

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