Biology, asked by sureshkumarb627, 2 months ago

यूग्लीना एड के विशिष्ट 4 यात्री के लक्षण कौन-कौन से हैं​

Answers

Answered by Itzcupkae
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युग्लिना क्लोरोफिल युक्त हरा प्रोटोजोआ है जिसे जन्तुओं और पादपों के मध्य की “संयोजक कड़ी” कहते है। यह जन्तु सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में स्वयंपोषी और सूर्य के प्रकाश की अनुपस्थिति में विषमपोषी होता है। यही कारण है इसका अध्ययन हम जन्तु और पौधों दोनों में करते है।

यह एकल और मुक्तिजीवी , स्वच्छ जलीय , कशाभिकायुक्त प्राणी है।

यह स्वच्छ जल के ऐसे तालाबों , तालाबों , तालों , खाइयों और मंद प्रवाहित धाराओं में पाया जाता है जिसमे वनस्पति और नाइट्रोजन की मात्रा अधिक होती है।

युग्लिना विरिडिस एक छोटा , सूक्ष्मदर्शीय तर्कुरुपी जीव है।

इसका अगला सिरा गोलीय , मध्यवर्ती भाग कुछ चौड़ा तथा पिछला सिरा नुकीला होता है। अगले सिरे पर प्राय: एक कशाभ पाया जाता है जो युग्लिना का गमनांगक होता है।

अगले सिरे पर कीपनुमा कोशिकामुख पाया जाता है जो एक छोटी ग्रसनी में खुलता है और यह ग्रसनी एक बड़े से आशय में खुलती है।

आशय में बड़े कशाभ पर एक पराकशाभिका काय पाया जाता है जो लाल रंग के नेत्र से जुड़कर प्रकाश संवेदांगक का कार्य करता है।

विशिष्ट 4 यात्री के लक्षण =

  • इसकी प्लाज्मा कला के चारों ओर कोशिका भित्ति का अभाव होता है।

  • भोजन का संचय पैरामाइलोन के रूप में होता है।
  • यह जंतुओं की भांति गति और उद्दीपन प्रतिक्रियाएं दर्शाता है।
  • इसमें कोशिका पाचन और प्राणी समपोषी पोषण होता हैl

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