CBSE BOARD XII, asked by frostkrystal906, 17 days ago

युग निर्माण योजना का मूल उद्देश्य है 1.विचार क्रांति 2.राजनैतिक क्रांति 3.आर्थिक क्रांति​

Answers

Answered by yeshvardhan47
1

Answer:

युग निर्माण योजना का उद्देश्य व्यक्ति, परिवार एवं समाज की ऐसी अभिनव रचना करना है, जिसमें मानवीय आदर्शों का अनुकरण करते हुए सब लोग प्रगति, समृद्धि और शांति की ओर अग्रसर हों। इस दूसरे शब्दों में ‘मनुष्य में देवत्व का उदय’ एवं ‘धरती पर स्वर्ग का अवतरण’ कह सकते हैं। इसे क्रियान्वित करने हेतु विशिष्ट वैचारिक, आध्यात्मिक सूत्रों की रचना की गई, जिसे युग निर्माण सत्संकल्प के रूप में सन् 1963 में अभिव्यक्त किया गया। विभिन्न शिविरों का आयोजन किया जताा रहा। आचार्य जी ने स्वयं छोटे-बड़े जनसम्मेलनों के द्वारा विचारक्रांति की पृष्ठभूमि बनाई। इस युग में नैतिक, बौद्धिक, सामाजिक, सांस्कृतिक क्रांति द्वारा सतयुगी वातावरण उत्पन्न करने का प्रबल प्रयास इस आंदोलन द्वारा किया जा रहा है। हम बदलेंगे, युग बदलेगा", "हम सुधरेंगे,युग सुधरेगा - यह इस आंदोलन का उद्घोष (नारा) है। युग परिवर्तन का आधार, विचार परिवर्तन है। वैयक्तिक, पारिवारिक, सामाजिक, जीवन में उत्कृष्टता लाने का प्रचंड पुरुषार्थ युग निर्माण योजना के ‘शतसूत्री’ कार्यक्रमों द्वारा किया जा रहा है।

जनमानस के परिष्कार एवं वैचारिक उत्कर्ष हेतु चारों वेद, 108 उपनिषद, षडदर्शन, स्मृति, पुराण के सरल हिंदी अनुवाद की प्रस्तुति के साथ हजारों ग्रंथों का प्रकाशन किया गया है। आंदोलन की विचारधारा को जन-जन तक पहुंचाने हेतु कई भाषाओं में नियमित प्रकाशन तथा प्रकाशित सामग्री को लोगों तक पहुंचाने हेतु पत्रिका सदस्यता क्रम, झोला पुस्तकालय, ज्ञानरथ, स्टीकर आंदोलन, विद्या विस्तार, पुस्तक मेला, बिक्री केंद्र आदि अनेक तरह के उपाय किए जा रहे हैं। अब क 171 जिलों में 345 पुस्तक मेले लगे। हमारा लक्ष्य है कि पूज्य आचार्य जी द्वारा रचित सभी पुस्तकें देश-विदेश के पाठकों को उनकी भाषा में प्रकाशित कर उपलब्ध कराई जाएं। पुस्तक मेलों ने इस साहित्य के प्रति जो भूख जगाई है, उसकी आपूर्ति के लिए स्थानीय बिरला मंदिर के बगल में एक नया प्रेस खोला जा रहा है।

युग निर्माण योजना से जुड़े लाखों परिजन नियमित रूप से प्रतिदिन एक घंटा समयदान एवं अंशदान करते हुए संस्था के कार्यों को आगे बढ़ा रहे हैं। समयदानी, जीवनदानी प्राणवान परिजन ही इस योजना के आधार स्तंभ हैं तथा प्रचारात्मक, रचनात्मक और सुधारात्मक कार्यक्रमों को सफल बनाने में लगे हैं। देश, धर्म, समाज, संस्कृति, राष्ट्र एवं विश्व के उत्थान एवं कल्याण के लिए सप्त आन्दोलन (साधना, स्वास्थ्य, शिक्षा, स्वावलम्बन, नारी जागरण, पर्यावरण, दुर्व्यसन-कुरीति उन्मूलन) जैसे अनेक कार्यक्रमों का सफल संचालन हो रहा है। घीयामंडी, मथुरा में अखंड ज्योति पारमार्थिक औषधालय खोला गया है, जिससे यहां के नागरिक लाभ ले रहे हैं। गायत्री तपोभूमि स्थित पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य चिकित्सालय द्वारा पिछले पितृ पक्ष में चार हजार से अधिक रोगियों की निशुल्क चिकित्सा की गई, जिसकी लोगों ने भूरि-भूरि प्रशंसा की।

युग निर्माण योजना के प्रमुख संस्थानों, प्रतिष्ठानों (पूज्यवर की जन्मस्थली आंवलखेड़ा-आगरा, अखंड ज्योति संस्थान-मथुरा, गायत्री तपोभूमि-मथूरा, शांतिकुंज, ब्रह्मवर्चस, देव संस्कृति विश्वविद्यालय - हरिद्वार) आदि के अतिरिक्त देश एवं विदेशों में फैले हजारों केंद्र ऐसे हैं जिन्हें शक्तिपीठ, प्रज्ञापीठ, ज्ञानमंदिर, ज्ञानकेंद्र आदि के रूप में जाना जाता है। जहां से लोक कल्याण की दिशा में अनगिनत कर्य संपन्न होते हैं। संसार में एक धर्म, एक संस्कृति, एक भाषा, एक शासन की स्थापना को महत्वपूर्ण मानकर कार्यक्रमों को आगे बढ़ाना, युग निर्माण योजना ने अपना ध्येय रखा है। योजना के संस्थापक पं॰ श्रीराम शर्मा आचार्य जी ने ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे संतु निरामयाः’ के लक्ष्य को अपना जीवन लक्ष्य माना तथा उन्होंने ‘आत्मवत् सर्वभूतेषु’ एवं ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ के लिए ही अपना संपूर्ण जीवन समर्पित किया। उन्हीं के पदचिन्हों पर चलने का सत्यप्रयास उनके अनुयायी सदैव करते रहते हैं।

धर्मतंत्र को लोक शिक्षण का माध्यम बनाते हुए गायत्री उपासना, यज्ञ, संस्कार, पर्व त्यौहार आदि के द्वारा विवेकपूर्ण विचारधारा जनमानस के लिए प्रस्तुत की जाती है। अध्यात्म के विज्ञान सम्मत स्वरूप को ही यहां मान्यता मिली है तथा संस्कृति, सभ्यता के उत्कृष्ट स्वरूप को जीवन जीने की कला के रूप में अपनाया गया है।

समाज में फैली दुष्प्रवृत्तियों, अंधविश्वासों, कुरीतियों, मूढ़ मान्यताओं, कुप्रचलनों एवं दुर्व्यसनों को मिटाने में बड़ी सफलता मिली है। सत्प्रवृत्तियों की स्थापना, परिष्कृत धर्मधारणा, आस्तिकता, कर्तव्यपरायणता की प्रतिष्ठापना में भी यह आंदोलन सफल रहा है। आशा है, विचारशील जनसमुदाय इससे जुड़ता हुआ लक्ष्य प्राप्ति तक इसे अग्रसर करने में सफल होगा। ईश्वर की इच्छा और जनसमुदाय की आकांक्षा अवश्य ही युग निर्माण योजना के माध्यम से पूर्ण होगी।

Similar questions