Hindi, asked by kanwersantosh92, 20 days ago

योग और शास्त्र जीवन अनुच्छेद लेखन​

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Answered by 5776hirdija
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Answer:

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Explanation:

योग हमेशा स्वस्थ जीवन जीने का एक विज्ञान है। यह एक दवा की तरह है, जो हमारे शरीर के अंगों के कार्यों करने के ढंग को नियमित करके हमें विभिन्न बीमारियों से बचाने का कार्य करता है। योग हमारे शरीर में शांति बढ़ाने और हमारे सभी तनाव तथा समस्याओं मुक्ति दिलाने का कार्य करता है।

Answered by anshbagul79
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Answer:

योग जिमनास्टिक अथवा व्यायाम नहीं है जो शरीर के मांसपेशियों को उद्रीत कर गठिला बनाता है। बल्कि योग एक ऐसी विद्या है जो मनुष्य को एक ही अवस्था में घंटो बने रहने की क्षमता प्रदान करता है। जिससे शरीर के अंदर का विभिन्न अंग प्रभावित होता है। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न क्रियाओं में संतुलन होता है।

Explanation:

योग से शारीरिक और मानसिक एकाग्रता बढ़ती है। इससे लोगों को आंतरिक मन में झांकने तथा शारीरिक संरचना और विभिन्न अंगों को आपसी सामंजस्य के साथ कार्य करने मे बल मिलता है। वर्तमान में योग हमारी आवश्यकता बन चुकी है। इसके फायदे लोगों को आकर्षित करती है। योग के संचालन के लिए खास व्यवस्था भी करने की आवश्यकता नहीं है। योगाभ्यास छोटे स्थानों पर भी किया जा सकता है। योग के विभिन्न आसनों से शरीर के अंदर के विभिन्न अंगों की क्रियाशीलता बढ़ती है। उनके द्वारा वांछित मात्रा में ही इंजाइम का उत्सर्जन होता है। जो शरीर को संतुलित रखने में उपयोगी होता है। योग जिमनास्टिक अथवा व्यायाम नहीं है जो शरीर के मांसपेशियों को उद्रीत कर गठिला बनाता है। बल्कि योग एक ऐसी विद्या है जो मनुष्य को एक ही अवस्था में घंटो बने रहने की क्षमता प्रदान करता है। जिससे शरीर के अंदर का विभिन्न अंग प्रभावित होता है। इसके साथ ही शरीर को स्वस्थ्य रखने के लिए विभिन्न क्रियाओं में संतुलन होता है। इससे तंत्रिका तंत्र से लेकर उत्सर्जन तंत्र तक प्रभावित होता है। जिसके लिए लोगों को महज विभिन्न आसनों का अभ्यास ही करना ही काफी है। विभिन्न आसनों के अभ्यास मात्र से शारीरिक ताजगी और मानसिक एकाग्रता प्राप्त होती है। जीवन शैली प्रभावित होती है। शांति के साथ ही परिवार और परिवेश में शालीनता आती है। अच्छे विचारों का संचरण होता है और समाज में खुशहाली मिलती है।

  • योग का पौराणिक महत्व

योग की विद्या के साक्ष्य पौराणिक काल से ही है। ¨सधु घाटी सभ्यता में भी इसके उदाहरण देखे गए है। इस विद्या के प्रवर्तक भगवान शिव को माना जाता है । योग के 84 हजार आसन बताए गए हैं। भगवान शिव ने योग की प्रथम शिक्षा माता पार्वति को दी थी। योग और आसन जीवन के विभिन्न मुद्राओं का संयोग है। जिससे जाने अंजाने सभी लोगों को रूबरू होना पड़ता है। जीवन की विकृत हो रही स्थिति जिससे लोगों को विभिन्न प्रकार के बीमारियों से सामना करना पड़ता है उसके निराकरण के लिए योग सर्वथा उपयोगी है। योगाभ्यास से जहां लोगों के जीवन शैली में बदलाव हो रहा है वहीं बहुत से असाध्य रोगों से भी निजात मिल रहा है।

योगाभ्यास से नहीं आता आलस

योगाभ्यास के प्रति छात्रों का आकर्षण बढ़ रहा है। कुछ विद़यालयों मे योग शिक्षा के लिए विशेष व्यवस्था रखी गई है। भवदेपुर स्थित सरस्वती ज्ञानपीठ में योगाभ्यास कराया जाता है। शिवम कुमार ने बताया कि जब से वह योगाभ्यास शुरू किया है उसके शरीर से आलस नहीं आती है। ¨प्रस कुमार ने बताया विद्यालय में हमें योगाभ्यास कराया जा रहा है। योगाभ्यास के लिए अहले सुबह ही जगना पड़ता है। अब यह हमारी दिनचर्या में शामिल हो चुका है। सुशील कुमार ने बताया कि योगाभ्यास हम विद्यालय में सिखते हैं और सुबह शाम घर पर इसका अभ्यास भी करते हैं। रोहित कृुमार का कहना है योगाभ्यास में काफी फायदा होता है। सदैव ही वह खुद को उर्जावान अनुभव करता है। चित शांत रहता है और पढ़ाई में भी मन लगता है। सुजीत कुमार ने बताया कि योगाभ्यास से उसे काफी लाभ हुआ है। अब उसे शार रिक कमजोरी की अनुभूती नहीं होती है। योग शिक्षिका मेनका कुमारी ने बताया कि छात्र छात्राओं में योग के प्रति आकर्षण है। बच्चे विभिन्न आसनों का सफलता पूर्वक अभ्यास करते है। हालांकि कुछ ही दिनों से बच्चों को योगाभ्यास सिखाया जा रहा है लेकिन बच्चों के स्वास्थ्य और दिनचर्या में परिवर्तन देखा जा रहा है।

योगाभ्यास से मिलता है संत ष्टी

राजीव कुमार ¨सह : योगाभ्यास से आनंद मिलता है। इसके प्रतिदिन व्यवहार में लाने से दिनचर्या में तो परिवर्तन होता ही है साथ ही साथ शरीर की आतंरिक शक्ति भी प्रभावित होती है। योग से हम खुद को उर्जावान अनुभव करते है। दिन भर तरोताजगी मिलती है। शहर में सक्षम योग शिक्षक का अभाव है लेकिन साधारण योग से हम अपना काम चला रहे हैं।

विनय कुमार : अब हमारे समाज में योग का विशेष महत्व होने लगा है। परेशानी के बावजूद लोग योग के लिए समय निकाल रहे हैं। इसके फायदों से लोग रूबरू हो चुके हैं। इसके लिए लोगों को अब आलस त्याग कर अहले सुबह ही उठना पड़ता है। बच्चों के साथ योगाभ्यास का विशेष आनंद है। इससे घर से लेकर बाहर तक थकावट नहीं होती है और हम उर्जावान रहते हैं। काम के एकाग्रता भी बढ़ रही है।

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