Hindi, asked by Arshaquemirash7326, 8 months ago

या गार्गी श्रुतचिन्तने नृपनये पाञ्चालिका विक्रमे। लक्ष्मीः शत्रुविदारणे गगनं विज्ञानाङ्गणे कल्पना।इन्द्रोद्योगपथे च खेलजगति ख्याताभित: साइनासेयं स्त्री सकलासु दिक्षु सबला सर्वैः सदोत्साह्यताम्। Please tell the meaning of this shloka​

Answers

Answered by imaduddin052
2

Answer:

Explanation:

This the meaning of this sloka.....

Attachments:
Answered by divyaprakash14060
0

श्लोक: —

या गार्गी श्रुतचिन्तने नृपनये पाञ्चालिका विक्रमे,

लक्ष्मीः शत्रुविदारणे गगनं विज्ञानाङ्गणे कल्पना।इन्द्रोद्योगपथे च खेलजगति ख्याताभित: साइना,

सेयं स्त्री सकलासु दिक्षु सबला सर्वैः सदोत्साह्यताम्।

भावार्थ: —

जैसे वेदों और शास्त्रों के चिंतन में गार्गी, राजनीति और पराक्रम में पांचाली (द्रौपदी), शत्रुओं का विनाश करने में रानी लक्ष्मीबाई, विज्ञान के आँगन (क्षेत्र) में कल्पना चावला, इंद्र उद्योग के पथ में और खेल जगत में ख्याति प्राप्त साना नेहवाल, ये स्त्रियाँ सभी दिशाओं में सबल हैं l हमें सभी स्त्रियों को प्रोत्साहित करना चाहिए l

Similar questions