योग्यता विस्तार - भौतिक रूप से दबे हुए होने पर भी अंग्रेजों के समय में ही हमारा मन आज़ाद हो चुका था। अत: दिसंबर । सन् 1929 में लाहौर में कांग्रेस का एक बड़ा अधिवेशन हुआ, इसके सभापति जवाहरलाल नेहरू जी थे। इस अधिवेशन में यह प्रस्ताव पास किया गया कि अब हम ‘पूर्ण स्वराज्य' से कुछ भी कम स्वीकार नहीं करेंगे। 26 जनवरी 1930 को देशवासियों ने पूर्ण स्वतंत्रता के लिए हर प्रकार के बलिदान की प्रतिज्ञा की। उसके बाद आज़ादी प्राप्त होने तक प्रतिवर्ष 26 जनवरी को स्वाधीनता दिवस के रूप में मनाया जाता रहा। आजादी मिलने के बाद 26 जनवरी गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाने लगा।
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26 जनवरी, 1950 के दिन हमारे देश का संविधान लागू हुआ था| इसी कारण से हम इस दिन को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं| इस दिन को पूरे देश में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है| विद्यालयों, सरकारी दफ्तरों एवं अन्य स्थानों पर इस दिन अनेक कार्यक्रम मनाए जाते हैं| इस दिन हम शहीदों को याद करते है जिन्होंने अपनी जान की परवाह न करते देश को आज़ादी दिलवाई |
26 जनवरी को राजपथ पर होने वाली परेड के बारे में लाइव जानकारी दूरदर्शन अथवा आकशवाणी पर दी जाती है| इस दिन आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम के दौरान सैनिक एवं अर्धसैनिक बलों की परेड का आयोजन राजपथ पर होता है| इस परेड में सेना एवं अर्धसैनिक बलों के विभिन्न समूहों द्वारा परेड प्रस्तुत की जाती है|
गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को हर साल सभी जगह बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है | 26 जनवरी सन 1950 को हमारे देश को पूर्ण स्वायत्त गणराज्य घोषित किया गया था और इसी दिन हमारा संविधान लागू हुआ था। यह भारत का राष्ट्रीय पर्व है, गणतंत्र दिवस के दिन भारतवासी पूरे उत्साह, जोश और सम्मान के साथ मनाता है। राष्ट्रीय पर्व होने के नाते इसे हर धर्म, संप्रदाय और जाति के लोग मनाते हैं। देश के प्रधानमंत्री द्वारा इंडिया गेट पर शहीद ज्योति का अभिनंदन करने के साथ ही उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाते हैं। आज यह आज़ादी हमें शहीदों के कारण मिली जिन्होंने एक बार भी अपनी जान देश के लिए समर्पित कर दिए | इनकी याद में हम इस दिन गांव से लेकर शहरों तक, राष्ट्रभक्ति के गीतों से याद करते है | इस परेड में तीनों सेना के प्रमुख राष्ट्रीपति को सलामी दी जाती है एवं सेना द्वारा प्रयोग किए जाने वाले हथियार, प्रक्षेपास्त्र एवं शक्तिशाली टैंकों का प्रदर्शन किया जाता है एवं परेड के माध्यम से सैनिकों की शक्ति और पराक्रम को बताया जाता है।