Hindi, asked by neelam1002kumari, 4 months ago

युगवतार गांधी का भावार्थ कविता का भावार्थ​

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Answered by eviln7
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Explanation:

वकार गांधीजी कविता का भावार्थ बताएं चल पड़े जिधर दो डग मग में चल पड़े कोठी पक्षी मोर पर गई जिधर भी एक दृष्टि पड़ गए कूची कूची और जिसके सिर पर नहीं इधर आधा हाथ उसके सीट रक्षक कोटी हाथ जिस पर नाज मस्तक झुका दिया झुक गए उसी पर कोटि कोटि चरण में 1 कोटी बहु कोटि रूप है कोठी नाम कोठी नाम सरल जीवन की धार पर लहरिया यदि बहुत तेज तू ले चलूं यह मुझसे पूछना कि किस दिशा में आ रहा हूं या वह कहां से चले ख़ाजैन धोने का जा रहा हूं पत्थरों को चोट पर पर लगे एक ही कल कल कहो तो ले चलूं

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