योजक के कितने भेद हैं
Answers
Answer:
समुच्चयबोधक (योजक)
समुच्चयबोधक (योजक)
जो दो शब्दों या वाक्यों अथवा वाक्यांशों को परस्पर जोड़ते है, व समुच्चय बोधक या योजक कहलाते है ।
योजक के भेद
१.संयोजक –जो अव्यय शब्द वाक्यों, वाक्यांशों या शब्दों में जोड़ने के अर्थ में आएँ, उन्हें संयोजक कहते है । जैसे – और, तथा, एवं
(क) राम लक्ष्मण और सीता वन में गए ।
(ख) राम सिंह तथा श्याम सिंह दो पक्के मित्र थे ।
(ग) महापुरुष एवं गुरुजन सभी पूजनीय है ।
२.विभाजक – जो शब्द भेद बताते हुए भी वाक्यों को मिलाते है, वे विभाजक कहलाते है ।
जैसे- परन्तु, तो, मगर
(क) राम तो आया, परन्तु श्याम नही आया ।
(ख) सुरेश ने बहुत प्रयत्न किया मगर सफल न हो सका ।
(ग) तुम चलोगे तो में चलूगाँ।
यहाँ परन्तु, मगर और तो शब्द भेद बताते हुए भी वाक्यांशों को मिला रहे है । अतः ये विभाजक है ।
३.विकल्प सूचक – जो समुच्चय बोधक शब्द विकल्प का बोध कराते है, वे विकल्प सूचक कहलाते है ।
जैसे- या, अथवा न, कि
(क) शिकारी शेर, या हिरण का शिकार करेगा ।
(ख) तुम जाओगे अथवा कैलाश जाएगा ।
व्याधिकरण योजक
जैसे- यदि …….तो, यद्यपि………….तथापि
क्योंकि, इसलिए …………..कि, ताकि
(क) यदि आप आदेश दें तो मैं कार्य का श्रीगणेश करूँ।
(ख) यद्यपि यह बुद्धिमान है तथापि वह निर्धन है ।
(ग) वह स्कूल नही आ सका क्योंकि उसकी तबीयत खराब थी ।
(घ) मैं घर जा रहा हूँ ताकि वहाँ आराम कर सकूँ ।
(ड़) उसने कहा कि मैं आज अपना काम समाप्त करूँगा ।
Answer:
जहाॅं पर तब,और,वरना,किंतु,परंतु,इसलिए,बल्कि, ताकि, क्योंकि, या ,अथवा, एव, तथा, अन्यथा आदि शब्द जोड़ते हैं वहाॅं पर समुच्चयबोधक होता है। इन समुच्चयबोधक शब्दों को योजक भी कहा जाता है।
समुच्चयबोधक या योजक के दो भेद होते हैं।
1) समानाधिकरण समुच्चयबोधक।
2) व्यतिकरण समुच्चयबोधक।
I hope it helped you.....