India Languages, asked by RimjhimHablani, 7 months ago

योजकः + तत्र संधि कुरुत (sanskrit)​

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Answered by Anonymous
4

योजकः + तत्र - योजकस्तत्र

Answered by bhatiamona
2

योजकः + तत्र संधि कुरुत (संस्कृत)

योजकः + तत्र : योजकस्तत्र (संस्कृत में)

संधि भेद : विसर्ग संधि

व्याख्या :

संधि द्वारा नये शब्द का उत्पत्ति की जाती है, इसमें प्रथम शब्द का अंतिम वर्ण और द्वितीय शब्द के प्रथम वर्ण की संधि होती है, और नया शब्द बनता है।

इस नये शब्द का अर्थ मूल शब्दों के अर्थ से अलग होता है। संधि द्वारा बनाए गए शब्द से बने शब्द को पुनः उन उन शब्दों के स्वरूप में लाने को ‘संधि विच्छेद’ कहते हैं।

संधि के तीन भेद हैं :

  • व्यंजन संधि
  • स्वर संधि
  • विसर्ग संधि
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