Economy, asked by SUDHEV4601, 1 year ago

योजनागत तथा गैर-योजनागत राजस्व व्यय से आपका क्या अभिप्राय है? स्पष्ट कीजिए।

Answers

Answered by abhijitumarani9
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Answer:योजनागत और गैरयोजनागत व्यय

सरकारी बजट के मोटे तौर पर दो भाग होते हैं- आय और व्यय। इसके बाद व्यय को भी दो हिस्सों में बांटा जाता है- प्लान्ड एक्सपेंडिचर (योजनागत व्यय) और नॉन प्लान्ड एक्सपेंडिचर (गैरयोजनागत व्यय)। इनमें से योजनागत व्यय का एस्टिमेट विभिन्न मंत्रालयों और योजना आयोग द्वारा मिल कर बनाया जाता है। इसमें मोटे तौर पर वे सभी व्यय आते हैं जो विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर किया जाता है।

Explanation:

Answered by subhashnidevi4878
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योजनागत तथा गैर-योजनागत राजस्व व्यय

स्पष्टीकरण:

सरकारी बजट के मोटे तौर पर दो भाग होते हैं- आय और व्यय। इसके बाद व्यय को भी दो हिस्सों में बांटा जाता है- प्लान्ड एक्सपेंडिचर (योजनागत व्यय) और नॉन प्लान्ड एक्सपेंडिचर (गैरयोजनागत व्यय)।

  • इनमें से योजनागत व्यय का एस्टिमेट विभिन्न मंत्रालयों और योजना आयोग द्वारा मिल कर बनाया जाता है। इसमें मोटे तौर पर वे सभी व्यय आते हैं जो विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही योजनाओं पर किया जाता है।
  • गैरयोजनागत व्यय के दो हिस्से होते हैं- गैरयोजनागत राजस्व व्यय और गैरयोजनागत पूंजीगत व्यय। गैरयोजनागत राजस्व व्यय में जो व्यय आते हैं, उनमें शामिल हैं- ब्याज की अदायगी, सब्सिडी, सरकारी कर्मचारियों को वेतन की अदायगी, राज्य सरकारों को अनुदान, विदेशी सरकारों को दिए जाने वाले अनुदान आदि। गैरयोजनागत पूंजीगत व्यय में शामिल हैं- रक्षा, पब्लिक इंटरप्राइजेज को दिया जाने वाला कर्ज, राज्यों, केंद्रशासित प्रदेशों और विदेशी सरकारों को दिया जाने वाला कर्ज।

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