याख्या क
(20)
(क) पूर्व त्वयाप्यमि मतं गतमेव मासी-
छछलाध्यं गमिष्यसि पुनर्विजयेन भर्तुः ।
कालक्रमेण जगतः परिवर्तमाना,
चक्रार पंक्तिरिव गच्छति भाग्य पंक्तिः।।
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sorry
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i don't know Sanskrit language
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पूर्व त्वयाप्यमि मतं गतमेव मासी-
छछलाध्यं गमिष्यसि पुनर्विजयेन भर्तुः ।
कालक्रमेण जगतः परिवर्तमाना,
चक्रार पंक्तिरिव गच्छति भाग्य
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