Music, asked by firojshikalgar883, 5 days ago

ये मन सुपर राहू परयह मन की राहों पर नेताओं से बाहर कर सकती हूं मैं कुछ अलग होता है वह पता नहीं क्या होगा पता नहीं जाने किधर से कुछ नया होहो कुछ नया​

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Answered by prachi4881
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.क्या आप कल्पना भी कर सकते हैं कि पथरीली जमीन और चट्टानों से घिरे पहाड़ पर भी कोई पेड़-पौधे पनप सकते हैं। लेकिन यह सम्भव हुआ है और करीब साल भर पहले लगाए ये पौधे अब अच्छी बारिश के बाद बड़े-बड़े हो चुके हैं। वन विभाग के अमले ने यहाँ पहले जूट बिछाकर उस पर पौधे रोपे। फिर टपक सिंचाई से उन्हें लगातार पानी दिया और देखभाल की तो पौधे लहलहा उठे। अब इससे ओंकार पर्वत की छटा सुहानी हो गई है।

मध्य प्रदेश में खण्डवा जिले के नर्मदा नदी के किनारे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर मन्दिर जिस पहाड़ पर स्थित है, वह अब से पहले तक वीरान और बंजर हुआ करती थी लेकिन अब नदी के उस पार दूर से ही यह हरी-भरी नजर आने लगी है।

नजदीक जाने पर नजर आता है कि करीब दो हेक्टेयर क्षेत्र में जंगल की तरह बाँस, कई फलदार पौधे और अन्य पौधे लहलहा रहे हैं। जिस बंजर पहाड़ी पर कभी घास तक नहीं उगती थी, वहाँ इस हरे-भरे जंगल को देखना सुखद आश्चर्य से भर देता है।

हरा-भरा हो गया है यहाँ का प्राकृतिक वैविध्य

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