Hindi, asked by manoramanandinisneh, 3 months ago

यूमथांग के रास्ते में दोनों और बिखरे असीम सौंदर्य को देखकर लेखिका एवं अन्य सैलानियों की प्रतिक्रिया किस प्रकार अलग थी​

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Answered by diyabhana
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गंतोक से युमथांग जाते समय रास्ते के दोनों किनारों पर असीम सौंदर्य बिखरा था। इस सौंदर्य को देखकर अन्य सैलानी झूमने लगे और सुहाना सफ़र और ये मौसम हँसी…। ' गीत गाने लगे, पर लेखिका की प्रतिक्रिया इससे हटकर ही थी। वह किसी ऋषि की भाँति शांत होकर सारे परिदृश्य को अपने भीतर समेट लेना चाहती थी।

Answered by divyanshM
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गंतोक से युमथांग जाते समय रास्ते के दोनों किनारों पर असीम सौंदर्य बिखरा था। इस सौंदर्य को देखकर अन्य सैलानी झूमने लगे और सुहाना सफ़र और ये मौसम हँसी…।’ गीत गाने लगे, पर लेखिका की प्रतिक्रिया इससे हटकर ही थी। वह किसी ऋषि की भाँति शांत होकर सारे परिदृश्य को अपने भीतर समेट लेना चाहती थी। वह कभी आसमान छूते पर्वत शिखरों को देखती तो कभी दूध की धार की तरह झर-झर गिरते जल प्रपातों को, तो कभी नीचे चिकने-चिकने गुलाबी पत्थरों के बीच इठलाकर बहती, चाँदी की तरह कौंध मारती तिस्ता नदी को। ऐसा सौंदर्य देखकर वह रोमांचित हो गई थी।

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