Hindi, asked by goldisinghstm, 4 months ago

यूनान का चौथा आक्रमणकारी कौन था​

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Answered by sunekhushi60
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Answer:

यूनानी आक्रमण

सिकंदर एक यूनानी आक्रमणकारी था जिसने भारत पर आक्रमण किया। सिकंदर की सफलता और प्रभाव के कारण इसका अत्यधिक महत्व है ।

सिकंदर

फिलिप द्वितीय (359 ई.पू. में) मकदूनिया का शासक बना। इसकी हत्या 329 ई.पू.में कर दी गई। सिकंदर इसका पुत्र था ।

पिता की मृत्यु के पश्चात् सिकंदर लगभग 20 वर्ष की अल्पायु में ही सिंहासन पर बैठा।

वह अरस्तू का शिष्य था।

यूनानी शासक (मकदूनियाई शासक) सिकंदर का भारत का आक्रमण लगभग 326 ई0पू0 में हुआ।

भारत विजय अभियान के तहत वह 326 ई.पू. में बल्ख क्षेत्र (बैक्ट्रिया, वर्तमान अफगानिस्तान का क्षेत्र) को जीतने के बाद काबुल होता हुआ हिंदुकुश पर्वत (खैबर दर्रा) पार कर भारत आया। तक्षशिला के शासक आम्भी ने आत्मसमर्पण के साथ उसका स्वागत करते हुए उसे सहयोग करने का वादा किया।

सिकंदर के आक्रमण के समय अश्वक एक सीमांत गणराज्य था जिसकी राजधानी मस्सग थी। यूनानी लेखकों के अनुसार, सिकंदर के विरुद्ध हुए युद्ध में बड़ी संख्या में पुरूष सैनिकों के मारे जाने के बाद वहां की स्त्रियाँ ने शस्त्र धारण किया था। इसी विवरण से पता चलता है कि सिकंदर ने इस नगर की समस्त स्त्रियों को मौत के घाट उतार दिया था।

सिकंदर को पंजाब (झेलम तथा चिनाब का मध्यवर्ती क्षेत्र) के शासक पोरस के साथ युद्ध करना पड़ा, जिसे ‘हाइडेस्पीज या झेलम (वितस्ता) के युद्ध’ के नाम से जाना जाता है। इस युद्ध में पोरस की पराजय हुई।

19 महीने तक भारत में रहने के बाद सिकंदर की सेना ने व्यास नदी के पश्चिमी तट पर पहुंचकर उसको पार करने से मना कर दिया।

सिकंदर विजित प्रदेशों को अपने सेनापति फिलिप को सौंपकर स्थलमार्ग द्वारा 325 ई0पू0 में भारत से लौट गया।

सिकंदर ने दो नगरों की स्थापना की-

1. निकैया - विजय प्राप्त करने के उपलक्ष्य में।

2. बऊकेफला - अपने प्रिय घोड़े के नाम पर।

बेबीलोन में जब सिकंदर की मृत्यु 323 ई.पू. में हुई तो उसकी उम्र मात्र 33 वर्ष थी ।

नियार्कस, ऑनेसिक्रिटस तथा अरिस्टोब्यूलस सिकंदर के साथ आने वाले लेखक थे ।

भारत में सिकंदर की सफलता का कारण

भारत में किसी एक केन्द्रीय सत्ता का अभाव सिकंदर की सफलता के प्रमुख कारणों में से एक था। उस समय 28 स्वतंत्र शक्तियों का उल्लेख मिलता है, अर्थात् राज्य किसी एक केन्द्रीय सत्ता के अधीन नहीं थे।

सिकंदर की सेना शक्तिशाली थी। उसकी सेना में तेज-तर्रार घोड़ों की बहुलता थी।

साथ ही आम्भी जैसे देशद्रोहियों का सहयोग भी उसकी सफलता का एक बड़ा कारण था।

सिकंदर के आक्रमण का भारत पर प्रभाव

विभिन्न क्षेत्रों में भारत और यूनान के बीच प्रत्यक्ष सम्पर्क की स्थापना हुई।

प्राचीन यूरोप को भारत के सम्पर्क में आने का अवसर मिला।

पश्चिमोत्तर भारत के अनेक छोटे-छोटे राज्यों का एकीकरण हुआ।

अनेक स्थल और जलमार्ग सिकंदर के अभियान से खुले जो आज भी भारतीय व्यापार में अहम योगदान दे रहे हैं।

गांधार शैली की कला का भारत में विकास यूनानी प्रभाव का परिणाम था। इस कला में भारतीय-यूनानी कला का सम्मिश्रण दिखता है।

यूनानियों से ‘क्षत्रप प्रणाली’ और ‘मुद्रा निर्माण’ की कला भारतीयों ने सीखी। उलूक शैली के सिक्के इसी के परिणाम थे।

Answered by Chaitanya1696
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हमसे पूछा जाता है कि ग्रीस का चौथा आक्रमणकारी कौन था। उत्तर हेलेनिस्टिक होगा।

  • यूनान के इतिहास में इस काल की शुरुआत 323 ईसा पूर्व में हुई थी।
  • ग्रीक के इतिहास में यह काल 30 ईसा पूर्व में समाप्त हुआ।
  • यह काल सिकंदर की मृत्यु के बाद का है।
  • सिकंदर को यूनान के महानतम शासकों में से एक माना जाता था।
  • ग्रीक के इतिहास में तीन शताब्दियों को हेलेनिस्टिक काल कहा जाता है।
  • वर्ष 323 ईसा पूर्व 31 और 31 ईसा पूर्व में मैसेडोनिया के राजा सिकंदर महान की मृत्यु के बीच का समय था।
  • समय रोम में ऑगस्टस के उदय से संबंधित है।
  • यह पूरी अवधि ग्रीक के इतिहास में हेलेनिस्टिक काल के संबंध में थी।
  • इसलिए, सही उत्तर हेलेनिस्टिक होगा।

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1. https://brainly.in/question/13456543

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