याणा GKापमालागामा
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वहाँ छात्रावास के हर एक कमरे में हम चार छात्राएँ रहती थीं। उनमें पहली ही साथिन सुभद्रा कुमारी मिलीं। सातवें दर्ज में वे मुझसे दो साल
सीनियर थीं। वे कविता लिखती थीं और मैं भी बचपन से तुक मिलाती आई थी। बचपन में माँ लिखती थीं, पद भी गाती थीं। मीरा के पद विशेष
रूप से गाती थीं। सवेरे 'जागिए कृपानिधान पंछी बन बोले यही सुना जाता था। प्रभाती गाती थीं। शाम को मीरा का कोई पद गाती थीं। सुन-
सुनकर मैंने भी ब्रजभाषा में लिखना आरंभ किया। यहाँ आकर देखा कि सुभद्रा कुमारी जी खड़ी बोली में लिखती थीं। मैं भी वैसा ही लिखने लगी।
1)लेखिका ने सुभद्रा कुमारी चौहान को किस रूप में जाना पहचाना?
2)लेखिका को कविताएँ लिखने की प्रेरणा किससे और किस तरह मिली?
3)गदयांश में किस छात्रावास का उल्लेख किया गया है?
4)गाँधी जी ने लेखिका से कौन-सी वस्तु माँग ली और क्यों ? 'मेरे बचपन के दिन पाठ के आधार पर लिखिए।
5)सुभद्रा कुमारी को कैसे पता चला कि महादेवी वर्मा भी कविताएँ लिखती हैं?
6)मेरे बचपन के दिन पाठ का उद्देश्य स्पष्ट कीजिए।
7)महादेवी वर्मा तथा उसकी साथिने स्वतंत्रता आंदोलन में किस प्रकार आर्थिक मदद देती थी?
8)मेरे बचपन के दिन पाठ के आधार पर मैं उत्पन्न हुई तो मेरी बड़ी खातिर हुई और मुझे वह सब नहीं सहना पड़ा जो अन्य लड़कियों को सहना
पड़ता है। इस कथन के आलोक में आप यह पता लगाएँ वि-उस समय लड़कियों की दशा कैसी थीर
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Jai shree ram hgdnkfdshh very hgdnkfdshh gb in just under gb gb of u bhaiyaji by gb h
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