ये पात्र किस कहानी के हैं?
पक्षी गाड़ीवाले से क्या खरीदता है?
दीमक के बदले पक्षी क्या देता है?
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निम्नलिखित वाक्यों की सहायता से नौजवान पक्षी और पिता पक्षी के बीच की
बातचीत की पूर्ति करें।
बेटे, तुम क्या कर रहे हो?
आसमान में उड़ना ही फिजूल है, वह मूखों का काम है।
बेटे, दीमके हमारा स्वाभाविक आहार नहीं है।
यह तो कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे तो दूसरे कीड़े, फल, अनाज के दाने
कुछ भी अच्छे नहीं लगते।
गाड़ीवाले को अपना पंख तोड़कर क्यों देते हो?
Answers
¿ ये पात्र किस कहानी के हैं ?
➲ ये पात्र ‘पक्षी और दीमक’ कहानी के हैं।
¿ पक्षी गाड़ीवाले से क्या खरीदता है?
➲ पक्षी गाड़ीवाले से दीमक खरीदता है।
¿ दीमक के बदले पक्षी क्या देता है?
➲ दीमक के बदले पक्षी अपने पंख देता है।
निम्नलिखित वाक्यों की सहायता से नौजवान पक्षी और पिता पक्षी के बीच की
बातचीत की पूर्ति इस प्रकार होगी...
पिता पक्षी : बेटे, तुम क्या कर रहे हो?
नौजवान पक्षी : आराम कर रहा हूँ।
पिता पक्षी : बेटा, आसमान में उड़ा करो, दिन भर सोते रहते हो, ये पक्षियों का स्वभाव नही।
नौजवान पक्षी : आसमान में उड़ना ही फिजूल है, वह मूर्खों का काम है।
पिता पक्षी : गाड़ीवाले को अपना पंख तोड़कर क्यों देते हो?
नौजवान पक्षी : पंख देकर बदले में दीमक लेता हूँ।
पिता पक्षी : बेटे, दीमके हमारा स्वाभाविक आहार नहीं है।
नौजवान पक्षी : यह तो कोई बड़ी बात नहीं है। मुझे तो दूसरे कीड़े, फल, अनाज के दाने
कुछ भी अच्छे नहीं लगते।
पिता पक्षी : ये तुम ठीक नही कर रहे। आगे तुम्हे पछताना पड़ेगा।
नौजवान पक्षी : कुछ नही होगा।
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