Hindi, asked by chiragsalvi, 3 months ago

यो
रहीम के दोहे 11
का
हि रहीम संपति सगे, बमत बहुत बहु रीत।
बिपति कसौटी जे कसे, तेई साँचे मीतः।।1।।
जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।2।।
तरुवर फल नहिं खात है, संरवर पियत न पान।
कहि रहीम परकाज हित, संपति-सचहिं सुजान।।3।।
थोथे बादर क्वार के, ज्यों रहीम घहरात।
धनी पुरुष निर्धन भए, करें पाछिली बात।।4।।​

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Answered by vachhaninetra
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Answer:

hi mate

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