Hindi, asked by sheetal223, 11 months ago

यों रहीम सुख होत है, पर उपकारी के संग।
बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेहँदी को रंग।। meaning​

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Answered by bhatiamona
27

यों,रहीम सुख होत है

उपकारी के संग।

बॉंटनवारे को लगे

ज्यों मेहंदी को रंग।।

रहीम जी इस दोहे के द्वारा समझाना चाहते है:

दूसरों की भलाई करने वाला उसी प्रकार से सुखी होता है जैसे दूसरों के हाथों पर मेहंदी लगाने वाले की उंगलियां खुद भी मेहंदी के रंग में रंग जाती हैं। दूसरों की मदद अथवा परोपकार का बड़ा ही महत्व है। उसी प्रकार दूसरों की मदद करके भी हम अपने लिये रोग मुक्ति ,अच्छा स्वास्थ्य और दीर्घायु सुनिश्चित कर सकते हैं| हमें हमेशा सभी मदद और भलाई करनी चाहिए|

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यो रहीम सुख होत है, बढ़त देख निज गोत।

ज्यों बड़री अँखियाँ निरखि, आँखिन को सुख होत ||

https://brainly.in/question/12729572

Answered by sujeetkumishra1998
0

Answer:

यों रहीम सुख होत है, पर उपकारी के संग।

बाँटनवारे को लगे, ज्यों मेहँदी को रंग।। m

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