यासुकी चान और तोतो चान में साहस और आत्मविश्वास कूट-कूट कर भरा हुआ था | "अपूर्व अनुभव " पाठ के आधार पर स्पष्ट कीजिए|
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यासुकी-चान तथा तोत्तो चान दोनों को अन्तत: पेड़ पर चढ़ने में सफलता मिली परन्तु दोनों की सफलता का अनुभव अलग-अलग था। यासुकी-चान का लक्ष्य पेड़ पर चढ़ना था।
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