Hindi, asked by rafapatni11, 9 months ago

यात्रा जिसे मैं भुला नहीं पाता कि अनुच्छेद

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Answered by tvssowndarya
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Answer:

एक यात्रा जिसे मैं भूल नहीं सकता

हम सभी दोस्तों ने शरद कालीन अवकाश में शिमला जाने की योजना बनाई। जैसे हम शिमला पहुंचे वहां चारों और बर्फ की सफेद चादर फैली हुई थी। हमने पहली बार बर्फ देखी हमें बहुत ही लुभावनी और रोमांचकारी लगी। हम बर्फ में कभी इधर घूमते कभी उधर घूमते और कभी बीच में गिर भी पड़ते थे।

हम सभी दोस्त काफी देर तक वर्ष में खेलते रहे। हम घूमते घूमते जंगल की तरफ निकल गए। तभी अचानक मेरे दोस्त का पैर फिसलता है और वह नीचे गिर जाता है। हमने उसको पकड़ने की बहुत कोशिश की लेकिन हुए काफी गहरी खाई में गिर जाता है जिस कारण उसकी टांग में चोट जाती है। हम बड़ी मुश्किल से वहां से निकले और अस्पताल में उसकी मरहम पट्टी करवाई।

मैं इस यात्रा को अपने जीवन में कभी भूल नहीं सकता हूं I

Answered by badlakha9034
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Explanation:

सर्दियों का मौसम था और हम ट्रेन से मंसूरी जा रहे थे। शायद हमें बर्फ गिरती हुई देखने को मिल जाए-यह उत्सुकता हमारे मन में थी। हम देर रात तक तरह-तरह के खेल खेलते रहे और फिर सो गए। जैसे ही सोए गाड़ी एक झटके से रुक गई। जो नीचे की बर्थ पर थे, वे लुढ़क कर नीचे गिर गए। ऊपर की बर्थ वालों को भी हलकी चोट आई। पता लगा कि किसी ने अचानक चेन खींच दी थी। कोई चोर था जो एक बैग चुराकर भाग रहा था। लगभग 15-20 मिनट रुककर गाड़ी फिर आगे बढ़ी। अब तो हमारी नींद गायब हो चुकी थी।

सुबह हम देहरादून स्टेशन पर उतरे और वहाँ से बस से मंसूरी के लिए रवाना हुए। पता लगा कि रात से बर्फ गिर रही है और रास्ता कभी भी बंद हो सकता है। हम आधे रास्ते पहुँच गए थे। बस रुक गई, पता लगा कि एक पत्थर लुढ़ककर सड़क पर आ गया है, साथ ही बर्फबारी होने के कारण रास्ता बिल्कुल बंद हो गया है। कोई उपाय न था। एक पूरा दिन हमने यात्री बस में बिताया। बर्फ गिरती देखी तो सही मगर हम उसका आनंद न उठा पाए।

जब तक मंसूरी पहुँचे इतना परेशान हो गए थे कि सोचा अब आनंद उठाने के चक्कर में फिर कभी इतनी परेशानी मोल न लेंगे। दो दिन वहाँ बिछी हुई बर्फ पर हम घूमते रहे और एक कभी न भुला सकने वाली यात्रा की याद को अपने मन में लेकर हम . घर वापस लौट आए।

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