यात्रा का वर्णन करते हुए नानीजी को पत्र लिखिए
Answers
Answer:
स्थान : पटना
दिनांक : १६/०२/२०२०
पूजनीय नाना जी
सादर प्रणाम
मैं कुशलता से हूं आशा करता हूं आप भी ठीक-ठाक और स्वस्थ होंगे दरअसल मैं इस पत्र के माध्यम से आपको बताना चाहता हूं कि मैं और मेरा पूरा परिवार एक यात्रा पर गए थे ठंड के दिनों में यात्रा करना बहुत ही अच्छा होता है । हम लोग इस यात्रा के दौरान बोधगया गए थे । हमने वहां महान बौद्ध भगवान की एक प्रतिमा देखें जो कि महाबोधि मंदिर में थी । वहीं पर बहुत बौद्धी वृक्ष भी था जहां पर बुध भगवान ने ज्ञान प्राप्त किया था । हम लोगों ने वहां पर बहुत ही श्रद्धा भाव से पूरा दिन गुजारा और उस यात्रा को सफल बनाया । हम लोगों ने आपको बहुत मिस किया हमें मालूम है कि आप की तबीयत खराब है इसलिए हमने प्रभु से इसके लिए प्रार्थना किया । कि आप जल्द से जल्द स्वस्थ हो जाएं । बुद्धा आपकी जरूर सुनेंगे , क्योंकि मैं दुनिया में सबसे ज्यादा दयालु है ।
आपका नवाशा
निशांत
Explanation:
73, राजेंद्र नगर, नई दिल्ली, दिनांक : 22.08.2015 प्रिय सुबोध, सप्रेम नमस्ते । आशा है तुम सकुशल एवं आनंद से होगे । मैं भी यहाँ अपने परिवारजनों सहित कुशलपूर्वक हूँ । मैं दो दिन पूर्व ही नैनीताल का भ्रमण कर वापस लौटा हूँ । नैनीताल एक पर्वतीय स्थल है । पर्यटन की दृष्टि से यह भारत के महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों में से एक है । चारों ओर हरे-भरे पहाड़ों व सुंदर प्राकृतिक दृश्यों से घिरा यह स्थल सभी का मन मोह लेता है । ग्रीष्म ऋतु में यहाँ की ठंडी हवाएँ सभी को ताजगी पहुँचाती हैं । यहाँ की झील में नौका विहार का आनंद ही कुछ और है । पहाड़ी मार्ग के किनारे गहरी सुंदर घाटियों का दृश्य अद्भुत लगता है । रास्ते में पहाड़ों से निकलकर बहते झरनों का दृश्य तो इतना मनमोहक लगता है कि लोग मंत्रमुग्ध हो जाते हैं । ऊँचाई पर एक जगह बादल हमारी बस की खिड़कियों से अंदर प्रवेश करने लगे । उस समय सचमुच ऐसा लग रहा था जैसे हम स्वर्ग का सुख प्राप्त कर रहे हैं । तुम्हारी छुट्टियाँ कैसी बीतीं इसका उल्लेख अपने पत्र में अवश्य करना । अपने माता-पिता को मेरा सादर प्रणाम कहना । सप्रेम, तुम्हारा मित्र रोहित