Hindi, asked by kalyaindhangulkardha, 26 days ago

'यात्रा का यह अस्थायी स्नेह भी कितना पवित्र होता है​

Answers

Answered by shishir303
1

¿ 'यात्रा का यह अस्थायी स्नेह भी कितना पवित्र होता है​।

➲   ये कथन ‘मेरी बद्रीनाथ यात्रा’ के लेखक ने पाठकों से कहा है।

 

✎... ‘मेरी बद्रीनाथ यात्रा’ पाठ एक यात्रा वृतांत है, जिसे प्रसिद्ध हिंदी साहित्यकार ‘विष्णु प्रभाकर’ ने अपनी बद्रीनाथ यात्रा के समय लिखा था। इस यात्रा वृतांत के माध्यम से उन्होंने हिमालय की सुरम्य प्रकृति का दार्शनिक एवं अदार्शनिक भाव से वर्णन किया है। उन्होंने हिमालय यात्रा के दौरान प्रकृति के विभिन्न रूपों का सुंदर एवं सजीव चित्रण तथा अपनी यात्रा में होने वाले अनुभवों को इस यात्रा वृतांत के माध्यम से प्रकट किया है।

○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○○

Similar questions