Hindi, asked by manasvimm5, 7 hours ago

यात्रा करते समय हुई दुर्घाटना का वर्ण करते हुए अपने मित्र को ईमेल लिखिए यात्रा करते समय हुई दुर्घाटना का वर्ण करते हुए अपने मित्र को ईमेल लिखिएl

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Answered by adityagupta20061974
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18/70, मल्लेश्वरम् बेंगलूरू दिनांक : 07 अप्रैल 2021 प्रिय मित्र मोहन, पर्यटन स्थल की यात्रा पूरी करके आने पर तुम्हारा पत्र मिला। समाचार पाकर खुशी हुई। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि हमारी आगरा की यात्रा बहुत ही मनोरंजक और ज्ञानवर्धक रही। आगरा में मुझे ताजमहल की सुन्दरता मनमोहक लगी जिसमें कि चाँदनी रात में इसकी सुन्दरता देखते ही बनती है। वह मुमताज महल की स्मृति में शहजहाँ द्वारा बनवाया गया हैं। यह संगमरमर का बना हुआ है। इसके किनारे यमुना नदी बहती है। संगमरमर के विशाल चबूतरे पर इसका निर्माण किया गया है। चबूतरे के चारों कोनों पर चार-गगनचुम्बी मीनारें हैं। इस विशाल भवन के बीचों-बीच शहजहाँ और मुमताज की कब्र हैं। पूर्णिमा की चाँदनी रात में महल के सौंदर्य को और महल की शिल्पकारी देखकर इसके कारीगरों की प्रशंसा किए बिना नहीं रहा जाता। मित्र, इस बार उम्मीद करता हूँ कि तुम अपने माता-पिता के साथ इसे, इसके सौंदर्य को अवश्य देखने जाओगें। तभी मेरे इस आनंद का अनुभव कर सकोंगे। माताजी और पिताजी को प्रणाम कहना। तुम्हारा मित्र तुम्हारे अगले पत्र के इंतजार में रहेगा। तुम्हारा दोस्त श्याम सेवा में, मोहन 101, एम.जी. रोड़ मैसूर – 570 006.

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