Hindi, asked by avneeshgoyal1512, 10 months ago

यात्रा करते समय मैट्रो में छूट गए अपने बैग और मोबाइल को मैट्रो कर्मचारी द्वारा आपको वापस भेज दिए जाने पर उसकी ईमानदारी की प्रशंसा करते हुए प्रबंधक को एक पत्र लिखिए।


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Answered by shishir303
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कंडक्टर की ईमानदारी के लिए राज्य परिवहन निगम के अक्ष्यक्ष को पत्र

                             

                                                                                 दिनाँक : 22 मार्च 2022

सेवा में,

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम

लखनऊ, उत्तर प्रदेश

माननीय अक्ष्यक्ष महोदय,

       मैं राजेश शांडिल्य, दिनांक 20 मार्च 2022 को कानपुर से लखनऊ के बीच रोडवेज परिवहन निगम की बस से कानपुर से लखनऊ के लिये बस संख्या UP33-AH0000 नंबर की बस से यात्रा कर रहा था। अपने गंतव्य आने पर मैं जल्दी-जल्दी में बस से उतर गया और अपने एक बैग बस में ही भूल गया, जिसमें मेरे कुछ जरूरी कागजात और कुछ रुपये थे। जब मुझे ध्यान आया तो तब तक बस आग निकल चुकी थी।

मैंने तुरंत रोडवेज निगम के बूथ पर अपने बैग के बस में छूटने के सूचना दर्ज करा दी। मुझे अपने बैग के वापस मिलने की उम्मीद बेहद कम थी। इसी परेशान अवस्था मैं अपने घर आ गया। शाम को जब बैग खोने के कारण परेशान बैठा थो मेरे दरवाजे की घंटी बजी और सामने उसी बस का कंडक्टर खड़ा था जिसमें मेरे बैग छूटा था।

उसमे मेरे बैग लौटाते हुए कहा कि ये आपकी अमानत है। बैग की ऊपर जेब मे आपका विजिटिंग कार्ड रखा था, जिसमें आपका नाम-पता था। आपने रोडवेज बूथ जो भी अपने शिकायत मे अपना पता लिखाया था। उसी आधार पर आपका बैग लौटाने आया हूँ। मैं कंडक्टर की ईमादारी देखकर प्रभावित हुए बिना नही रह सका।

मैं उस कंडक्टर का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ, और आपके विभाग से अनुरोध करता हूँ कि आप उसकी ईमादारी के लिये उसे पुरुस्कृत करें। कंडक्टर का नाम सर्वेश राठौर है।

धन्यवाद,

राजेश शांडिल्य,

301, चारबाग कालोनी,

लखनऊ (उ.प्र.)

Answered by seemajuthani1510
0

Answer:

सेवा में,

श्रीमान अध्यक्ष महोदय,

उत्तर प्रदेश परिवहन निगम

लखनऊ, उत्तर प्रदेश

माननीय अक्ष्यक्ष महोदय,

      मैं राजेश शांडिल्य, दिनांक 20 मार्च 2022 को कानपुर से लखनऊ के बीच रोडवेज परिवहन निगम की बस से कानपुर से लखनऊ के लिये बस संख्या UP33-AH0000 नंबर की बस से यात्रा कर रहा था। अपने गंतव्य आने पर मैं जल्दी-जल्दी में बस से उतर गया और अपने एक बैग बस में ही भूल गया, जिसमें मेरे कुछ जरूरी कागजात और कुछ रुपये थे। जब मुझे ध्यान आया तो तब तक बस आग निकल चुकी थी।

मैंने तुरंत रोडवेज निगम के बूथ पर अपने बैग के बस में छूटने के सूचना दर्ज करा दी। मुझे अपने बैग के वापस मिलने की उम्मीद बेहद कम थी। इसी परेशान अवस्था मैं अपने घर आ गया। शाम को जब बैग खोने के कारण परेशान बैठा थो मेरे दरवाजे की घंटी बजी और सामने उसी बस का कंडक्टर खड़ा था जिसमें मेरे बैग छूटा था।

उसमे मेरे बैग लौटाते हुए कहा कि ये आपकी अमानत है। बैग की ऊपर जेब मे आपका विजिटिंग कार्ड रखा था, जिसमें आपका नाम-पता था। आपने रोडवेज बूथ जो भी अपने शिकायत मे अपना पता लिखाया था। उसी आधार पर आपका बैग लौटाने आया हूँ। मैं कंडक्टर की ईमादारी देखकर प्रभावित हुए बिना नही रह सका।

मैं उस कंडक्टर का तहे दिल से धन्यवाद करता हूँ, और आपके विभाग से अनुरोध करता हूँ कि आप उसकी ईमादारी के लिये उसे पुरुस्कृत करें। कंडक्टर का नाम सर्वेश राठौर है।

धन्यवाद,

राजेश शांडिल्य,

301, चारबाग कालोनी,

लखनऊ (उ.प्र.)

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