Hindi, asked by triptisingh095, 1 year ago

यात्री और बस कंडक्टर के मध्य संवाद कीजिये

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Answered by Sumit15081947
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भास्कर संवाददाता | मेहगांव

नगर से संचालित हो रही बसों में सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन नहीं किया जा रहा है। एक तरफ जहां सड़कों पर सिंगल डोर बसें सड़कों पर दौड़ लगा रही हैं। वहीं दूसरी ओर बसों में किराया सूची भी चस्पा नहीं है। इसके साथ ही किराया अधिक लेने पर जब यात्री विरोध करते हैं तो उन्हें रास्ते में ही उतार दिया जाता है। इस तरह के मामले कई बार सामने आने के बाद भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा नियमों की अनदेखी करने वाले बस चालकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

कस्बे में चार जगहों पर बने अस्थायी बस स्टैंड से होकर प्रतिदिन करीब 70 से अधिक बसें भिंड, ग्वालियर, मुरैना, मालनपुर, मौ, गोरमी सहित अन्य जगहों के लिए चलती हैं। लेकिन इनमें से ज्यादातर बसों में शासन के नियमानुसार यात्रियों को मिलने वाली सुविधाएं उन्हें नहीं मिल पा रही हैं। बस संचालक सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किए गए नियमों का पालन नहीं कर रहे हैं और मनमानी तरीके से बसों का संचालन कर रहे हैं। लेकिन इसके बाद भी संबंधित विभाग के अधिकारियों द्वारा इन बस चालकों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।आलम यह है कि नगर से गुजरने वाली ज्यादातर यात्री बसें जर्जर हो चुकी हैं। अपने गंतव्य तक पहुंचने से पहले ही कई बार उन्हें रास्ते में मरम्मत की आवश्यकता पड़ती है। ऐसे में इन बसों से सफर करने वाले लोगों को खासी परेशानी झेलनी पड़ती है। महिलाओं के लिए आरक्षित सीटें भी सुरक्षित नहीं रहतीं। महिला यात्रियों को मजबूरी में खड़े होकर यात्रा करनी पड़ती है।

सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन के अनुसार यह जरूरी

सभी बसें डबल डोर होना चाहिए, जिससे आगजनी जैसी घटना होने पर यात्री जल्दी से बाहर निकल सकें।

बसों में एक इमरजेंसी विंडो होना जरूरी है, जो आपातकाल के समय काम आती हैं।

निर्देशित किया जाएगा

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